छत्तीसगढ़दुर्ग

आयुक्त प्रकाश सर्वे ने तालाबो,घाटों की लगातार सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए…

दुर्ग। रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनमानस के व्यापक हित और सुविधा को ध्यान में रखते हुए आगामी विभिन्न त्योहारों और सार्वजनिक उत्सवों के आयोजनों हेतु छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहार शुरू हो गए हैं। इस बीच, गणेशोत्सव को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

मूर्तियों के विसर्जन से राज्य के जल से स्त्रोतों की जल गुणवत्ता पर पढ़ने वाले विपरीत की रोकथाम के सबन्ध संशोधित दिशा आदेश जारी किया गया। इसको ध्यान में रखते हुए कमिश्नर प्रकाश सर्वे के निर्देश पर अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी के लिए बनाई टीम।

तालाबो में गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के अवसर पर तालाबो,घाटों की सफाई करवाने के अधिकारियों को निर्देशित किया है और प्रत्येक प्रतिमा विसर्जन स्थल के पहले विसर्जन के दौरान व विसर्जन के एक सप्ताह बाद जल गुणवत्ता की जाॅच करे।जल स्त्रोतों की क्षेत्रानुसार सेम्पलिंग बिन्दु निश्चित करने के निर्देश भी दिये ।

यह उल्लेखनीय है कि जल स्त्रोतो में प्रतिमाओं के विसर्जन के फलस्वरूप जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है, क्योंकि मूर्ति निर्माण में उपयोग किये जाने वाले अप्राकृतिक रंगो में विषैले रसायन होते है,

साथ ही प्रतिमाओं के साथ फूल, वस्त्र एवं सजावटी सामान, रंगीन काॅगज व प्लास्टिक आदि प्रतिमाओं के साथ विसर्जित हो जाती है। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं निगमायुक्त प्रकाश सर्वे ने सभी गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया कि* वे जल की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव न पड़े इसलिए जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर मूर्तियों का विसर्जन न किया जाए।

प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए पहले से निश्चित किये गए स्थानों पर ही विसर्जन करें जिससे अन्य नादियों, तालाबो को प्रदूषण होने से बचाया जा सके।प्रतिमाओं के साथ लाई गई सामग्री जैसे वस्त्र, पूजन सामग्री, प्लास्टिक का सामान, पाॅलीथिन आदि जैसे सामग्रीओं को नदी,

तालाबों में विसर्जन के दौरान न ड़ाले। प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्मित तालाब में मूर्ति विसर्जन कराया जाए जो चारों तरफ से घिरा हो तथा तल में सिन्थेटिक लाइनर लगाया जाता है। जिसमें विसर्जन के उपरान्त बचे हुए अवशेषों को किनारे पर लाकर वा मिट्टी इत्यादि को लैण्ड फिल में डाला जाता है

तथा लकड़ी व बांस को पुनः उपयोग किया जा सके।मूर्ति विसर्जन के बाद 24 घण्टे के अन्दर जल स्त्रोतों में विसर्जित फूल, वस्त्र, एवं सजावटी सामान को निकाल लिया जाए जिससे जल जीवन पर मूर्ति विसर्जन का न्यूनतम विपरीत प्रभाव पड़े तथा मूर्ति विसर्जन स्थलों के पास ठोस अपशिष्टो को न जलाया जाए/जनसंपर्क विभाग राजू बक्शी

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