छत्तीसगढ़दुर्ग

143 लीटर दूध विक्रय कर 15 दिनों के भीतर चंदखुरी गौठान की दीदियों ने कमाएं 5300 रूपए

दुर्ग / जिले के ग्राम पंचायत चंदखुरी के आदर्श गौठान द्वारा लगातार उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। गौठान में कार्य कर रही 05 महिला स्व सहायता समूह द्वारा कई आजिविका मूलक गतिविधियों का संचालन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत दीदियों ने डेयरी उत्पाद की बढ़ती हुई मांग को देखकर गौठान में गौ पालन का कार्य भी प्रारंभ किया है।

इसकी शुरूआत 05 गांयों से की गई है। जिससे प्रतिदिन 14 लीटर दूध प्राप्त किया जा रहा है और उसे 35 से 40 रूपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है। अभी तक 143 लीटर दूध समूह की दीदियों द्वारा विक्रय भी किया जा चुका है जिससे उन्हें 15 दिन के भीतर ही 5300 रूपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है।

डेयरी का संचालन करने वाली सिंधुजा स्व सहायता समूह की सदस्य संतोषी देवांगन ने बताया कि वर्तमान में 01 गाय ने गौठान में बछिया को जन्म भी दिया है जिससे समूह की दीदियों द्वारा पेऊस दूध का विक्रय भी किया गया।

उसने बताया कि कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के निर्देश व मंशानुरूप समूह की महिलाओं द्वारा शीघ्र ही दूध से संबंधित अन्य प्रोडक्टस पनीर, घी, दही, छांछ इत्यादि का उत्पादन किया जाएगा।

डेयरी की गतिविधियों पर और प्रकाश डालते हुए जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन ने बताया कि धीरे-धीरे गौठान में गायों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी और उच्च नस्ल की साहीवाल, गिर, जर्सी जैसे गायों को भी गौठानों में स्थान दिया जाएगा। ताकि दूध उत्पादन को बड़ी मात्रा में किया जा सके।

चंदखुरी आदर्श गौठान राज्य के अग्रणी गौठानों में से एक- जिले के ग्राम पंचायत चंदखुरी में संचालित गौठान राज्य के सबसे अग्रणी गौठानों में से एक है। जिसका सूचक यहां पर होने वाली विभिन्न प्रकार की आजिविका मूलक गतिविधियां हैं।

यह वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन के साथ-साथ कुक्कुट पालन, मछली पालन, एक्वेरियम के लिए रंगीन मछलियों का पालन, आस्ट्रेलियन केंचआ उत्पादन, बाड़ी में सब्जियों एवं चारे का उत्पादन व वर्तमान में डेयरी का संचालन किया जा रहा है और शीघ्र ही यहां बकरी का पालन शुरू किया जाएगा।

13 लाख 54 हजार चंदखुरी गौठान की देन, उत्कृष्ट गौठान के कथन को सही साबित करते आंकड़े- चंदखुरी गौठान की दीदियां गौठान में संचालित कार्यों में अपनी दक्षता की प्रतिभा का परिचय अपने सतत् उत्कृष्ट कार्य से दे रही हैं।

अभी तक यहां गौठान में कार्य कर रही समूहों द्वारा 13 लाख 54 हजार की आय अर्जित की जा चुकी है।  ये आंकड़े स्व सहायता समूह की महिलाओं के उद्यम के सफर का परिचय देती हैं और उनका लोहा मानने के लिए हमें मजबूर करती हैं।

वर्तमान तक यहां के समूह की दीदियों ने 5 लाख 42 हजार का वर्मी कंपोस्ट खाद, 03 लाख 80 हजार का केंचुआ, 22 हजार का डीकंपोजर, 25 हजार का जैविक कीटनाशक, एक्वेरियम के लिए 24 हजार रूपए की रंगीन मछलियां, 12 हजार रूपए की मछलियां, 1 लाख 54 हजार रूपए की मुर्गियां और इसके साथ-साथ बाड़ी के अंतर्गत समूह द्वारा 65 हजार की सब्जियां और 1 लाख 30 हजार का नैपियर घास भी बेचा है।

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