छत्तीसगढ़बेमेतरा

भाकपा लिबरेशन, कांग्रेस तथा आदिवासी मातृशक्ति संगठन की संयुक्त टीम ने 25 मई को हुए भीषण ब्लास्ट की जांच की…

बेमेतरा : भाकपा लिबरेशन, कांग्रेस तथा आदिवासी मातृशक्ति संगठन की संयुक्त टीम ने 30 मई को स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड पिरदा, जिला बेमेतरा में 25 मई को हुए भीषण ब्लास्ट की जांच की. इस घटना में 9 श्रमिकों की मौत हो गई है जिसमें आठ श्रमिकों के शरीर के नमूने ही मिल पाए हैं तथा आठ श्रमिक घायल भी हुए हैं. यह कंंपनी लगभग 400 एकड़ में निर्मित है और 1998 से कार्य कर रही है.

भाकपा लिबरेशन, कांग्रेस तथा आदिवासी मातृशक्ति संगठन की संयुक्त टीम ने 25 मई को हुए भीषण ब्लास्ट की जांच की...

जांच टीम ने मृतक श्रमिकों के परिजनों व ग्रामीणों द्वारा कंपनी के सामने चलाये जा रहे धरना स्थल पर जाकर एकजुटता प्रगट की औऱ मृतक श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी तथा कंपनी,प्रशासन व सरकार की मजदूर विरोधी रवैया पर तीव्र रोष जताया. जांच टीम ने मृतक श्रमिकों के परिजनों, ग्रामीणों तथा श्रमिकों से बातचीत की .जांच टीम में बृजेंद्र तिवारी ,राजेंद्र परगनिया, चंद्रकला ताराम, चंद्रिका रावत, अश्लेश मरावी, उमा सिंह और चंद्रभान सिंह ठाकुर शामिल थे.

जांच टीम को बताया गया की कंपनी में लगभग 700 श्रमिक काम करते हैं जिसमें अधिकांश ठेका श्रमिक है .इसमें लगभग ढाई सौ महिला श्रमिक शामिल हैं. श्रमिकों से 12 घंटे कार्य कराया जाता है .श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती है .श्रमिकों को चश्मा ,दस्ताना, जूता,मास्क, हेलमेट आदि नहीं मिलता है .महिला श्रमिकों से 8 घंटे कार्य कराया जाता है और 250 से 300 रूपये मजदूरी मिलती है.

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अधिकांश श्रमिकों को पीएफ, ईएसआई की सुविधा नहीं दी जाती है. अन्य राज्यों के आये लगभग ढाई सौ श्रमिक काम करते हैं जोकि कंपनी की आवासों व किराए के मकान में रहते हैं .श्रमिकों को परिचय पत्र भी नहीं दिया गया है .मुख्य तौर पर श्रमिक पिरदा,बोरसी, हरदी, उफरा, बुंदेली ,भिभौंरी ,गबदा आदि गांवों से कार्य करने आते हैं .

इस कंपनी के आसपास लगभग अन्य 10 कंपनियां भी कार्य कर रही हैं यहां भी श्रम कानून व सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जाता है .कैंटीन ,रेस्ट रूम, पीने के ठंडे का पानी की सुविधा नहीं है . महिला श्रमिकों के लिए अलग से वॉशरूम की भी व्यवस्था नहीं है.विस्फोट इतना भीषण था कि लगभग 25 फीट का गड्ढा हो गया है और इसकी आवाज 25 किलोमीटर तक सुनी गई है.

जांच टीम महसूस करती है कि यह दुर्घटना सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने के कारण हुई है.इसमें प्रशासन व सरकार ने अपने जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया है.

जांच टीम मांग करती है कि मृतक श्रमिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी तथा 50 लाख रुपए मुआवजा और घायल श्रमिकों का बेहतर इलाज कराया जाए .ब्लास्ट की न्यायिक जांच कराई जाए तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए .सुरक्षा नियमों व श्रम कानून का शक्ति से पालन कराया जाए.

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