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14 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर, PCOD के बावजूद महिला ने घटाया 12 किलो वजन….

Intermittent Fasting Benefits: इंटरमिटेंट फास्टिंग या टाइम रेस्ट्रिक्टेड ईटिंग पैटर्न, खास तौर से जिसमें 12 से 14 घंटे तक कुछ भी खाया नहीं जाता. इसके कई फायदे बताए जाते हैं, महिलाओं के लिए भी ये लाभकारी माना जाता है. पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज यानी पीसीओडी से पीड़ित एक महिला, जिसने अनियमित पीरियड्स, पेट फूलना और सूजन की शिकायत की थी, उसने 14 घंटे की फास्टिंग के जरिेए 2 महीनों में तकरीबन 12 किलो वजन कम किया. वहीं दूसरी महिा ने 2 महीने में 8 किलो वेट लूज किया.

फास्टिंग से आपके शरीर पर कैसा असर होता है?

14 घंटे की फास्टिंग सचमुच में शरीर के लिए कई फायदे ला सकती है. अध्ययनों से पता चला है कि एक सर्टेन पीरियड ऑफ टाइम में लगातार किए जाने पर, उपवास शरीर का वजन, फैट, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. हालांकि, ये रूटीन उन लोगों को डॉक्टर के सलाह की बगैर बिल्कुल भी नहीं अपनानी चाहिए जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है.

अगर ईटिंग विंडो छोटा है, तो कैलोरी इनटेक कम हो जाता है, जिससे  एनर्जी हासिल करने के लिए आपकी बॉडी फैट स्टोर के पास जाएगी, और कीटोन नामक फैटी एसिड ब्लड फ्लो में जारी किए जाएंगे. ये कार्बोहाइड्रेट के बजाय शरीर के लिए एक अल्टरनेट फ्यूल सोर्स हैं.

समय के साथ आपका वजन कम हो सकता है, और कुछ स्टडीज से पता चला है कि प्रतिभागियों ने 8-26 हफ्ते के बाद अपने शुरुआती शरीर के वजन का कम से कम 5% कम किया. ये तरीका इंसुलिन (शुगर रेगुलेटिंग हार्मोन) सेंसिटिविटी में सुधार करता है, बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल सुनिश्चित करता है और सूजन को कम करता है.

फास्टिंग ऑटोफैगी नामक एक सेलुलर प्रॉसेस को ट्रिगर करता है, जहां क्षतिग्रस्त या निष्क्रिय कंपोनेंट्स को रिसाइकल किया जाता है, संभावित रूप से उम्र से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करता है और सेलुलर रिन्यूअल को बढ़ावा देता है.

कैलोरी रिस्ट्रिक्शन से वजन कम हो सकता है, खास तौर से उन लोगों में जो ज्यादा वजन वाले या मोटे हैं, बशर्ते वो नॉन फास्टिंग आवर्स के दौरान बैलेंस्ड डाइट खाएं. ये इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कम करता है और आंत के माइक्रोब्स और हार्मोन के बैलेंस में सुधार करता है.

बेस्ट रिजल्ट्स के लिए इन रूल्स को करें फॉलो

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग पीरियड्स के दौरान हाइड्रेटेड रहें.

2. अपने शरीर की सुनें और ड्यूरेशन के हिसाब ड्यूरेशन और फ्रीक्वेंसी एडजस्ट करें.

3. ईटिंग ऑवर्स के दौरान बैलेसेंड डाइट खाएं.

4. अपने फिजिकल और मेंटल हेल्थ को लेकर अलर्ट रहें.

5. डीप-फ्राइड आइटम, मीठे स्नैक्स और ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स से बचें.

6. देर रात खाना न खाएं, सोने से 3 घंटे पहले डिनर करें.

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