हाथी बने आतंक का दूसरा नाम, अब तक रौंदकर ले चुके 10 लोगों की जान…

धमतरी. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में साक्षात मौत घूम रही है. ये हाथी के रूप में है. कब किस पर ये टूट पड़ें और किसकी मौत आ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता. यहां एक या दो नहीं बल्कि पूरे36 हाथियों का झुंड घूम रहा है. ये घर में घुसकर तोड़ फोड़ कर रहे हैं और जो भी सामने आता है उसे मार डालते हैं. इन हाथियों के हमले में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है.
धमतरी जिले में फिलहाल 36 हाथी घूम रहे हैं. ये दो झुंड में हैं. एक झुंड में 2 दंतैल हैं तो दूसरे में 34 हाथी. इनमें दो दंतैल वाला झुंड ज्यादा खतरनाक है. इन दंतैलो ने बीते डेढ़ साल में 10 लोगों की जान ले ली है.वैसे तो जंगली हाथी इंसानों से दूरी ही रखते हैं लेकिन इन दो दंतैलों को कोई इंसान दिख जाए तो ये उसे छोड़ते नहीं हैं.
उसकी जान ही लेकर मानते हैं. धमतरी जिले में ही ये दो दंतैल 10 लोगों को बेरहमी से मार चुके हैं. ये दो दंतैल फिलहाल धमतरी फारेस्ट रेंज के अकला डोंगरी इलाके में घूम रहे हैं. इनकी दहशत के कारण आसपास के गांव में लोग रतजगा कर रहे हैं. और पहरा दे रहे हैं. रात के समय ये हाथी बस्तियो में चले आते है.. इसलिए जिनके मकान पक्के है वो छत पर ही सो रहे हैं.
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वन विभाग लाचार –
इधर वन विभाग हाथियों से बचने के लिए सिर्फ मुनादी और अलर्ट करने तक सीमित है. हाथियों के मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए कोई आधुनिक सुविधा नहीं है. किसी भी हाथी को जीपीएस कॉलर नहीं लगाया गया है. इस कारण नज़र रखने के लिए वन विभाग की अलग अलग टीमें हाथियों के पीछे चलती रहती हैं और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये लोकेशन अपडेट देती रहती हैं. हाथी अगर हिंसक घटनाओं को अंजाम देने लगे तो फिर उनसे निपटने के लिए अमले के पास कोई चारा नहीं रहता.
जंगल में जाएं-सतर्क रहें –
धमतरी वनमंडल के एसडीओ बी के वर्मा ने बताया कि, हाथियों से बचने लोगो को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा वनविभाग लगातार निगरानी रख रहा है और गांवों को अलर्ट कर रहा है. जिनका जान माल का नुकसान हो रहा है उन्हें शासन की तरफ से मुआवजा भी दिया जा रहा है.