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PM मोदी ने उठाया ऑस्ट्रेलिया में मंद‍िरों पर हमलों का मामला, एंथनी अल्बनीज ने द‍िया भारतीय प्रवास‍ियों की सुरक्षा का भरोसा…

नई द‍िल्‍ली. ऑस्ट्रेलिया (Australian) में ह‍िंदू मंद‍िरों (Hindu Temples) को लगातार न‍िशाना बनाया जाता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस मामले को आज शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस (Australian PM Anthony Albanese) के साथ ज्‍वाइंट प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए उठाया है. पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों (Temples) को निशाना बनाने की कड़ी निंदा की.

पीएम मोदी ने कहा क‍ि मैंने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों (Hindu Temples) पर हमलों की रिपोर्ट देखी हैं. इस मामले से ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) को अवगत कराया गया है. उन्होंने आश्‍वस्‍त क‍िया है क‍ि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय (Indian community) की सुरक्षा और भलाई उनके लिए प्राथमिकता पर हैं. उन्होंने कहा क‍ि इस मामले पर टीमें नियमित संपर्क में रहेंगी और यथासंभव सहयोग करेंगी.

पीएम मोदी ने कहा कि हैदराबाद हाउस में उनकी द्विपक्षीय बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ इस मुद्दे को उठाया गया था. मेलबोर्न में जनवरी माह में कम से कम 3 मंदिरों को खालिस्तान समर्थकों ने निशाना बनाया था. खाल‍िस्‍तान समर्थकों (Khalistan supporters) ने परिसर में तोड़फोड़ की थी और मंदिरों की दीवारों पर भारत विरोधी नारे (Anti India Slogans) भी लिखे थे और मूर्त‍ियों को भी खंड‍ित क‍िया था.

नवीनतम हमले के पीड़ित ब्रिस्बेन के बरबैंक उपनगर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के अधिकारी थे. श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित कर दिया गया था. यह सब कथित तौर पर खालिस्तानी कार्यकर्ताओं द्वारा क‍िया गया.

इस बीच देखा जाए तो खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं ने जनवरी माह में मेलबोर्न क्षेत्र में तीन मंदिरों को निशाना बनाया, जिससे भारतीय प्रवास‍ियों में तनाव पैदा हो गया. मेलबर्न के मिल पार्क में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में पहली बार 12 जनवरी को तोड़फोड़ की गई थी, कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर में 16 जनवरी को तोड़फोड़ की गई थी और मेलबर्न में इस्कॉन मंदिर की दीवार को 23 जनवरी को “खालिस्तान जिंदाबाद” भित्तिचित्रों से विरूपित किया गया था.

खालिस्तानी अलगाववादियों ने घोषणा की थी कि पंजाब को भारत का हिस्सा बने रहना चाहिए या नहीं? इस पर जनमत संग्रह कराने की घोषणा के बाद भारतीय प्रवास‍ियों के भीतर तनाव और बढ़ गया था. एक ऐसा कदम जिसने भारतीय प्रवास‍ी सदस्यों को परेशान कर दिया था.

जनमत संग्रह के दिन, भारतीय प्रवासी सदस्यों ने शांतिपूर्ण ढंग से मांग के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया. लेकिन जब वे 29 जनवरी को मेलबर्न के फेडरेशन स्क्वायर में एकत्रित हुए, तो उन पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया.

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