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श्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: विष्णु देव साय…

रायपुर

श्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव सायश्रीराम के आदर्शों पर चलकर संवारेंगे छत्तीसगढ़: श्री विष्णु देव साय

पूरे राष्ट्र और दुनिया के सबसे ऐतिहासिक समारोह श्री रामलला के प्राणप्रतिष्ठा के अवसर का अवलोकन करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ की पवित्र भूमि में से एक शिवरीनारायण पहुँचे जहां भगवान श्रीराम ने माता शबरी के जूठे बेर खाये थे। इस जगह पर उन्होंने प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का अवलोकन किया और अभिभूत हुए। शिवरीनारायण के नागरिकों के लिए अभिभूत करने वाले दो क्षण आये। पहला तो तब जब रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। दूसरा क्षण तब आया जब माता शबरी का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सुदूर कुटिया में जीवन गुजारने वाली मेरी आदिवासी माँ शबरी का ध्यान आते ही अप्रतिम विश्वास जागृत होता है। माँ शबरी तो कब से कहती थी राम आयेंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास सक्षम भव्य भारत का आधार बनेगा। यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि श्रीराम के आदर्शाें पर चलकर हम छत्तीसगढ़ संवारेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का उल्लास पूरे प्रदेश में नजर आया, शिवरीनारायण में भी नागरिक इस पवित्र क्षण में बहुत उत्साहित दिखे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह हम सबके लिए यह ऐतिहासिक क्षण है कि हम अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सुंदर संबोधन भी दिया है और माता शबरी के धैर्य के माध्यम से हमें सीख दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं कि हमने श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम की संपूर्ण प्रक्रिया को विस्तार से देखा। भगवान श्रीराम की अलौकिक बाल प्रतिमा का दर्शन हुआ। हम सब अभिभूत हुए। यह खुशी का क्षण इसलिए भी है कि हमने यह सब माता शबरी के पवित्र धाम शिवरीनारायण की पावन भूमि में देखा। एक पावन भूमि में हमने एक और पवित्र भूमि में होने वाले अद्भुत प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखा।

हमारे लिए यह सौभाग्य इसलिए भी बहुत बड़ा है कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है। माता कौशल्या की जन्मभूमि है। आज केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया राममय हो गई है। दुनिया भर में सब अलग-अलग तरह से खुशियों की अभिव्यक्ति कर रहे हैं। हमारा सौभाग्य है कि हमने अपने धान के कटोरे से भगवान के भोग के लिए सुगंधित चावल भेजा है। छत्तीसगढ़ के राईस मिलर्स ने यह चावल भेजा है। बहुत खुशी की बात है कि ननिहाल के चावल से रामलला का भोग तैयार हुआ है।

हमारे सेवाभावी डाक्टरों की टीम अयोध्या गई हुई है जो रामभक्तों के इलाज के सेवाकार्य में लगी हुई है। कल ही एक समूह और रवाना होगा जो अयोध्या धाम में 60 दिनों तक भंडारा चलाएगा। छत्तीसगढ़ में हम लोगों के लिए आज की घड़ी बहुत शुभ घड़ी है। हम श्रीराम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ को संवारने का काम करेंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर ने भी उपस्थित नागरिकों को संबोधित किया। श्री माथुर ने कहा कि आज जय राम का जयघोष अयोध्या तक जाना चाहिए। शबरी माता की भूमि पर आयोजित इस पावन कार्यक्रम में उपस्थित सभी को अभिनंदन करता हूँ।

हम सबका सौभाग्य है कि 500 वर्षों के त्याग, बलिदान का फल आज हमें मिला है। हमारा समाज समतापूर्ण रहा है। प्रभु राम ने कभी किसी के बीच भेद भाव नहीं किया। उन्होंने वनवासियों का आतिथ्य स्वीकार किया। यही हमारी संस्कृति है। आज हमारे लिए गौरव का दिन है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क विभाग की ओर से तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘‘हम सबके राम‘‘ और कैलेंडर ‘‘रामो विग्रहवान धर्मः‘‘ का विमोचन भी किया। यह संग्रह श्रीराम के अयोध्या धाम से छत्तीसगढ़ में वनवास के दौरान की कथाओं पर आधारित है।

इस दौरान महंत राजेश्री रामसुंदर दास, सांसद गुहाराम अजगल्ले, पामगढ़ विधायक श्रीमती शेषराज हरवंश, जनसम्पर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव, संभागायुक्त बिलासपुर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, आईजी अजय यादव, कलेक्टर आकाश छिकारा, एसपी विजय अग्रवाल भी मौजूद रहे। रामनामियों ने अपना मोर मुकुट पहनाकर किया अभिनंदन- रामनाम को अपने अंग-अंग में हृदय में तथा चेतना में बसाने वाले रामनामी समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय को अपना परंपरागत मोर मुकुट पहनाकर अभिनंदन किया। उनके मोर मुकुट में राम नाम लिखा होता है। मुख्यमंत्री के साथ ही उन्होंने ओम माथुर को भी मोर मुकुट पहनाया।

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