अजमेर जिले के पुष्कर में देवनगर सरहद पर नई बाईपास के पास मिले महिला की लाश के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया। उसकी हत्या उसके चौथे पति ने ही टेम्पो में गला दबाकर माकड़वाली के पास की थी। दोनों शराब के नशे में थे और पत्नी के फोन पर अन्य लोगों के फोन आने से पति गुस्सा हुआ।
हत्या के बाद पति फरार हो गया। जिस व्यक्ति के टेम्पो में यह हत्या की गई, उसने अपनी प्रेमिका के साथ लाश को पुष्कर के पास ले जाकर छिपा दिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी रविश सामरिया ने बताया कि तीनों से पूछताछ की जा रही है।
17 को सुबह मिली थी लाश
पुष्कर पुलिस को 17 सितम्बर की सुबह साढे़ आठ बजे सूचना मिली कि देवनगर गांव की तरफ से नई बाईपास पर आने वाली रोड के बीच जंगल में एक महिला की लाश पड़ी है। इस पर पुलिस पहुंची और लाश की शिनाख्त करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इस पर मदनलाल गुर्जर निवासी देवनगर की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लाश को मॉर्च्यूरी में रखवाया।
शाम को हुई शिनाख्त
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी चेक किए और एफएसएल टीम ने साक्ष्य जुटाए। बाद में मृतका की पहचान खानपुरा निवासी कांतादेवी के रूप में हुई। पिता छोटू सिंह पुत्र जीया सिंह जाति रावत, निवासी खाजपुरा ने शिनाख्त की। मृतका के पिता छोटू सिंह की ओर से कांता की हत्या को लेकर पति पर शक जताया।
पति से पूछताछ की तो कबूली वारदात
पुलिस ने मृतका के पति सेठू सिंह से मनौवैज्ञानिक तरीके से लगातार पूछताछ की तो उसने वारदात करना कबूल कर लिया। उसने बताया कि ग्राम माकडवाली में खड़े लोडिंग टेम्पू में बैठे हुए थे, आपस मे कहासुनी होने पर मृतका कांता की गला दबाकर हत्या कर दी और भाग गया।
लोडिंग टेम्पू के सम्बंध में पता कर खेम सिह रावत व उसकी प्रेमिका रेणु को पकड़ा और पूछताछ की तो बताया कि लाश को देखी तो वे घबरा गए। ऐसे में जाकर छिपा दी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर टेम्पो भी जब्त कर लिया।
इसलिए हुआ विवाद
सेठूसिंह ने करीबन डेढ़ साल पहले मृतका कान्ता से कोर्ट मैरिज की थी। तत्पश्चात दोनों साथ-साथ अजमेर व जोधपुर में रहकर मजदूरी कर रहे थे। कुछ समय पश्चात दोनों के आपस मे अनबन होने से मृतका कान्ता जोधपुर से अजमेर आ गई और माकडवाली, माखुपुरा में रहने लगी।
17 सितम्बर को सेठू अजमेर आया और फिर दोनों खेमा सिंह उर्फ विकास के खड़े बिना नम्बरी लोडिंग टेम्पू में बेठे। आरोपी सेठू मृतका कान्ता को अपने साथ जोधपुर ले जाना चाहता था और मृतका कान्ता सेठू के साथ जोधपुर जाने की मना करने एवं मृतका के फोन पर बार-बार कईं अन्य व्यक्तियों के फोन आने से आरोपी सेठू आवेशित होकर मृतका कांता की गला दबाकर हत्या की।
चौथी शादी के बाद नही हो रही थी बात
खाजपुरा निवासी पिता छोटूसिंह पुत्र जीयासिंह (55) ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसके दो लड़के राजेन्द्र व टिकम तथा एक लड़की कान्ता है। कान्ता की शादी बचपन में ही सुन्दर रावत के साथ की थी और बालिग होने पर ससुराल भी भेज दिया था, लेकिन दोनों पति-पत्नी के आपस में नहीं बनने पर करीब एक साल रहकर वापस आ गई थी।
6 माह बाद कान्ता मोहन रावत के साथ चली गयी थी, लेकिन वहां पर भी दोनों के नहीं बनने पर वापस आ गई। फिर एक साल बाद कान्ता लादूसिंह पुत्र सुमन्द्र रावत निवासी पोकरिया का बाङया के साथ चली गई। जहां पर मेरी पुत्री कान्ता के एक लङका बिटटू व एक लङकी जलेबी हुई।
करीब उसे चार साल तक मेरी पुत्री अपने पति लादू के साथ रही थी। फिर कान्ता सेठू रावत निवासी रतनगढ मसुदा के साथ चली गई। दोहीता व दोहिती अपने पिता लादू जी के पास है। मेरी पुत्री जब से सेठू के साथ गई, तब से कभी भी हमारे घर नहीं आई और ना ही हमारी उससे कभी बात हुई।