![सी.एस.वी.टी.यू. - फोर्टे द्वारा दो दिवसीय स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रमोशन प्रोग्राम आइडियाथॉन -1.0 कृषि संवर्धन का शुभारम्भ 1 सी.एस.वी.टी.यू. - फोर्टे द्वारा दो दिवसीय स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रमोशन प्रोग्राम आइडियाथॉन -1.0 कृषि संवर्धन का शुभारम्भ](https://jantakikalam.com/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-26-at-18.50.19_362b7485-780x470.jpg)
दुर्ग / छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय – फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेंयूर्शिप द्वारा 26 एवं 27 फरवरी 2024, 2 दिनों तक आयोजित किए जाने वाले इवेंटआइडियाथॉन -1.0 कृषि संवर्धन का शुभारम्भ किया गया है। दो दिवसीय कार्यक्रम में स्टार्टअप एक्सपो और आइडिएथॉन जैसे विशेष आकर्षक प्रोग्राम आयोजित किये जायँगे, जिसके माध्यम से स्टार्टअप्स को इग्निशन ग्रांट प्रदान किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप क्षेत्र को बढ़ावा देना और नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।
इस दो दिवसीय इवेंट के दौरान पांच प्रमुख थीम पर स्टार्टअप्स से आईडिया आमंत्रित किया गए जिनमे से पैरा से खाद बनाना, केले के अपशिस्ट से केले का रेशा निकलना तथा उससे कपडे बनाना, केले के पत्तों से प्लेट वगैरह बनाना, ड्रोन से खेती में उपयोगी करके बीमारियों का पता लगाना व खेती के लिए छोटे उपयोगी टूल्स बनाना। इस कार्यक्रम में लगभग 85 आइडियाज सम्मिलित हुए है। जिनमे से 26 आइडियाज को जूरी में समक्ष प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न कॉलेज से भी स्टार्टअप प्रोडक्ट्स को इवेंट एक्सपो में सम्मिलित किया गया।
आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ राजुल के गज्जर जी शामिल हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी डॉ एम. के. वर्मा द्वारा की गई, अपने उद्बोधन में कुलपति जी ने कहा हमें स्टार्टअप्स को पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा। हमें बच्चो में ओनरशिप की भावना विकसित करनी होगी जिससे वे आइडियाज को अपने बल पर आगे ले जा सके इसके लिए सरकार से भी विश्विद्यालय के अनुबंध की बात कही गई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया गया की स्टूडेंट्स को केवल लैब से नॉलेज नहीं मिलेगा उन्हें फील्ड पर जाकर काम करना होगा।
वर्तमान समय की समस्याओं को देखकर उनके अनुरूप उनके समाधान ही भविष्य में अच्छे स्टार्टअप बन सकते है, उनके द्वारा स्टार्टअप्स को प्रूफ ऑफ़ कांसेप्ट से लेकर मार्किट तक सपोर्ट की बात पर ज़ोर दिया गया। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, पटेंटिंग, रिमोट सेंसिंग में यह सभी चीज़ें को कृषि में सम्मिलित करना होगा। ग्रामीण प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के निर्माण के लिए संस्थान ने आशा की है कि इस इवेंट के माध्यम से राज्य में स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकेगा।
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