
दुर्ग – बरसात का मौसम आते ही बिजली के करंट का खतरा बढ़ जाता है एवं बिजली के खंभों, एचटी लाइन, तारों और घर पर करंट के कारण कई हादसे देखने को मिलते हैं। इन हादसों में कई बार लोगों की जान तक चली जाती है। इसका कारण जानकारी का आभाव है।
बिजली की लाइनों और घरों में प्रवाहित होने वाले करंट से बचने के लिए विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड दुर्ग क्षेत्र ने जनता को आगाह करते हुए कहा है कि जरा सी असावधानी की वजह से करंट बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
इसलिए विद्युत लाइनों, ट्रांसफार्मर एवं उपकरणों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें तथा सुरक्षित दूरी बनायें रखें। यदि आंधी-तूफान में खंबे, तार आदि टूटे हों, तो इसकी सूचना तत्काल कंपनी के टोल फ्री नं. 1912 पर, मोर बिजली एप एवं समीप के वितरण केन्द्र या जोन कार्यालय में दें।
बारिश में बिजली के खंभों, तारों, और ट्रांसफार्मर से दूर रहें और किसी भी क्षतिग्रस्त लाइन या उपकरण को न छुएं। यदि आपको करंट लगने की आशंका है, तो तुरंत बिजली विभाग को सूचित करें। जहां बिजली के तार या उपकरण हो वहां बारिश के पानी में करंट फैल सकता है, इसलिए पानी में न चलें या न तैरें।
बिजली के उपकरणों का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि आपके पैर सूखे हों और आप रबर या प्लास्टिक के जूते पहने हों। इस तरह की सावधानियां को ध्यान में रखते हुए बरसात के मौसम में बिजली से सतर्कता बरतनी चाहिए। बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ ही बिजली विभाग सतर्क हो गया है।
विभाग द्वारा बारिश से पूर्व सभी फीडरों, ट्रांसफार्मरों और तारों की जांच की जा चुकी है। लेकिन नागरिकों की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपभोक्ताओं को भी कुछ बातें ध्यान रखना आवश्यक है :-
विद्युत दुर्घटनाओं से बचने के लिए घरों/खेतां आदि में बिजली के गुणवत्तापूर्ण उपकरणों का उपयोग करें।
बाड़ी/खेतों की बाड़/कंटीले तार आदि में विद्युत प्रवाहित न करें। यह अनाधिकृत है, इससे किसी की जान भी जा सकती है एवं विभाग द्वारा खेत या बाड़ी के मालिक पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
विद्युत लाईनों, उपकरणों/ट्रांसफार्मर आदि में खराबी आने पर अनाधिकृत रूप से उनको सुधारने का प्रयास न करें। ऐसी स्थिति में विभाग के संबंधित कर्मचारी/अधिकारी को सूचित करें।
बिजली की लाईनों के नीचे और उनके समीप बिलकुल स्थायी अथवा अस्थायी निर्माण ना करें। विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी बनायें रखें।
यदि बिजली का तार टूटकर जमीन पर गिरा पाया जाता है, तो उससे दूर रहे तथा अन्य व्यक्तियों को भी दूर रहने की सलाह दें। इसकी जानकारी तत्काल संबंधित लाईनमेंन/कनिश्ठ अभियंता को देकर विद्युत प्रवाह बंद करावें।
नदी, नालों, तालाबों आदि में बिजली का तार टूटकर गिरा पाये जाने पर उनके अंदर न जायें, तथा पर्याप्त दूरी बनाये रखें। इसकी सूचना संबंधित लाईन कर्मचारी/कनिश्ठ अभियंता को तत्काल देकर विद्युत प्रवाह बंद करावें।
विद्युत लाइनों से सीधे हुकिंग कर बिजली का अनाधिकृत उपयोग न करे, यह खतरनाक हो सकता है।
कपड़े सुखाने के लिए बिजली के खंभे और स्टे तार आदि का उपयोग ना करें। कपड़े सुखाने वाले तार की विद्युत उपकरणों/लाईनों से पर्याप्त दूरी रखें।
विद्युत लाईनों से छेड़छाड़ न करें एवं कटी-फटी सर्विस लाईनों का उपयोग न करें।
अस्थायी कनेक्श्न हेतु कटे-फटे वायर का उपयोग न करें। पर्याप्त लंबाई की बल्लियों का उपयोग करें, ताकि लाईन की जमीन से पर्याप्त ऊंचाई रहे।
बच्चों को विद्युत उपकरणों/लाईनों के आसपास न खेलने दें।
यदि कोई व्यक्ति तारों के संपर्क में आ जाता है तो निम्न सावधानी बरतनी चाहिए :-
ऽ स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दे।
ऽ यदि स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से तारों से अलग करें। ऐसा न करने से सहायता करने वाले को भी बिजली का झटका लग सकता है।
ऽ दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटायें एवं कृत्रिम सांस देकर उसका प्रथम उपचार करें एवं अस्पताल पहुंचाने की षीघ्र व्यवस्था करें।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड दुर्ग क्षेत्र के मुख्य अभियंता संजय खंडेलवाल ने कहा कि भीषण गर्मी, आंधी-तूफान और बारिश जैसे मौसम बिजली कर्मियों के लिए युद्ध के मैदान जैसी स्थिति उत्पन्न करता है। जरा सी गलती होने पर किसी की भी जान जा सकती है या जीवन भर के लिए विकलांग हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं से अपील है कि वे लाइन कर्मचारियों को उनके सुधार कार्यों में सहयोग करें। बिजली आपूर्ति अवरुद्ध होने पर उपभोक्ता 05 से 10 मिनट रुककर बिजली कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कराएं।
उन्होंने ने कहा कि फीडर में आई खराबी या फाल्ट को ढूंढना और उसका निराकरण करना आसान नहीं होता है। भीषण गर्मी, आंधी-तूफान, बारिश और अंधेरे की परवाह न करते हुए फाल्ट खोजने की कार्यवाही की जाती है। कभी-कभी सभी खंभों की जांच करनी पड़ती है तो कभी-कभी गड़बड़ी कुछ खंभों के बीच ही शीघ्र मिल जाती है।
विद्युत व्यवस्था के सुचारु संचालन एवं सुरक्षात्मक दृष्टि से कार्य करने में उपभोक्ताओं का सहयोग भी आवश्यक है क्योकि विद्युत लाइनों में जरा सी भी असावधानी या छेड़खानी से बड़े-बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपभोक्ताओं को भी उक्त बातें ध्यान रखना आवश्यक है, जिससे लोगों के घर के साथ-साथ जीवन भी रोशन रहे।
संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे