
रायपुर, 2025: “एक देश, एक चुनाव” की बात करने वाले छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव एक साथ कराने में असमर्थता दिखाई दे रही है। इसके अलावा, त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव को तीन चरणों में कराने के निर्णय से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मुख्य मुद्दे और सवाल:
- क्या EVM के साथ VVPAT का उपयोग नहीं होगा?
- यह खबर सामने आई है कि नगरीय निकाय चुनावों में EVM का प्रयोग तो होगा, लेकिन VVPAT का उपयोग नहीं किया जाएगा।
- चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करते हुए यह पूछा जा रहा है कि VVPAT के बिना चुनाव कितने निष्पक्ष होंगे?
- एक ही EVM पर दो मत डालने का निर्णय:
- सूचना है कि मतदाता महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष/नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षदों के लिए एक ही EVM मशीन पर दो मत डालेंगे।
- यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार हो रहा है।
- क्या मतदाताओं को इसके लिए प्रशिक्षित और जागरूक किया गया है?
- नई मशीनें मंगाई गई हैं या पुरानी मशीनों में नई प्रोग्रामिंग की गई है?
- मशीन प्रोग्रामिंग और मेंटेनेंस का जिम्मा किसके पास?
- नई चुनावी प्रक्रिया के लिए मशीनों की प्रोग्रामिंग और मेंटेनेंस का जिम्मा किस एजेंसी को सौंपा गया है?
- क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत है?
- परिणाम जारी करने के समय पर सवाल:
- केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि कई चुनाव एक साथ होते हैं, तो सभी परिणाम अंतिम चुनाव के बाद ही जारी किए जाते हैं।
- लेकिन छत्तीसगढ़ में चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम बीच में ही जारी किए जाएंगे।
- क्या यह चुनावों की निष्पक्षता पर प्रभाव नहीं डालेगा?
सवाल जो जनता के सामने हैं:
- क्या यह प्रक्रिया चुनावी नियमों और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन कर रही है?
- क्या मतदाताओं को इन नई प्रक्रियाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी दी गई है?
- क्या VVPAT के बिना चुनाव निष्पक्ष हो सकते हैं?
यह मुद्दे छत्तीसगढ़ की चुनावी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। जनता और विशेषज्ञों की राय यह है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
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