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पहली बार जिम गया था, मुरैना से रीवा पहुंचे तो बर्फ में लाश मिली: MBBS स्टूडेंट की फोटो देख-देखकर रो रहा पिता बोला

अभी उम्र ही क्या थी उसकी। बस 19 साल 2 महीने। कुछ नशा करता होता तो सब्र भी कर लेते। सुपारी तक नहीं खाता था। चाय तक पसंद नहीं थी। जिम गया तो दुनिया ही छोड़ गया। बड़े उत्साह से मैं खुद उसे रीवा छोड़कर आया। दूसरी बार गया तो बेटे की लाश बर्फ में मिली।’

यह दर्द उस पिता का है, जिसने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना पाल रखा था। रीवा मेडिकल कॉलेज का छात्र ओम गोयल 21 सितंबर को जिम में ट्रेडमिल पर रनिंग करने के बाद बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। छात्र मुरैना का रहने वाला था।

मुरैना के गांधी नगर कॉलोनी पहुंचा। गांधी मैरिज हॉल के पास ही महेश गोयल रहते हैं। छोटे बेटे की हार्ट अटैक से मौत के बाद उनके घर सन्नाटा है। टीम ने गेट खटखटाया तो ओम के चाचा बाहर निकले। अंदर पहुंचे तो पिता, चाचा, मामा और अन्य 6-7 व्यक्ति खामोश बैठे थे।

हमने ओम के पिता मुकेश गोयल से इस हादसे को लेकर बात की तो उनकी आंखें डबडबा गईं। पास ही में रखे तौलिए से आंसू पोछते हुए अपने लाडले की पूरी कहानी बताई, पढ़िए… मेरे दो बेटे हैं। दोनों को डॉक्टर बनाने का सपना उनके पैदा होने के साथ ही देखने लगा था। इसीलिए दोनों को मेडिकल एग्जाम की तैयारी कराई।

MBBS के लिए दाखिला कराया। बड़ा बेटा सूरज इंदौर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है। MBBS का उसका तीसरा साल है। छोटा बेटा ओम बचपन से ही शांत स्वभाव का था। अपनी मां का बहुत दुलारा था। दाल, चावल, रोटी सब्जी के अलावा उसे कुछ भी खाने का शौक नहीं था। चाय या कोल्डड्रिंक तक नहीं पीता था। घटना वाले दिन शाम 7.30 बजे मैं घर पर ही था।

रीवा से जिम वाले का फोन आया। उसने बोला- आपका बेटा बेहोश हो गया है, आप यहां आ जाएं। हमने तुरंत पूछा कि उसे हुआ क्या है। बताया कि अचानक बेहोश हो गया। मैंने उनसे कहा कि आप उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। इसके बाद ओम के सीनियर स्टूडेंट आयुष गोयल को फोन लगाकर पूरी बात बताई।

आयुष वहां पहुंचे, तब तक जिम संचालक ओम को अस्पताल ले जा चुका था। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत नाजुक है। इस पर मेडिकल कॉलेज के इंचार्ज और प्रोफेसर पहुंच गए। आयुष गोयल ने मुझसे कहा कि आप यहां आ जाएं।

हम शाम 8 बजे कार से निकले तो अगली सुबह 4 बजे रीवा पहुंचे। मुझे लगा शायद बेटा बीमार हो गया है, लेकिन जब वहां पहुंचे तो बेटा हमें छोड़कर जा चुका था। उसकी लाश फ्रीजर में रखी देखी तो कलेजा मुंह में आ गया। मेरे कदम लड़खड़ा गए…।

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