
दुर्ग – शासकीय संपत्ति पर अतिक्रमण विशेषकर नगरीय निकाय क्षेत्रों में बेहद बड़ी समस्या है जिसका मूल कारण वार्ड पार्षद और स्थानीय रहवासियों के पास उनके वार्ड की शासकीय संपत्ति ब्यौरा की प्रमाणित सूची का नहीं होना है इसलिए दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने निगम के प्रत्येक वार्ड पार्षद को उसके वार्ड में स्थित शासकीय संपत्ति ब्यौरा दिलवाने की पदेन जिम्मेदारी पूरी करने का जिम्मा उठाया हैं।
और विधायक ने यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री एवं राजस्व मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि भिलाई और रिसाली निगम संपत्ति ब्यौरा प्रत्येक वार्ड विवरण अनुसार सार्वजनिक करके प्रत्येक वार्ड में स्थित शासकीय संपत्ति की प्रमाणित सूची पार्षद को उपलब्ध करवाई जाय जिससे कि प्रत्येक वार्ड वासी को शासकीय संपत्ति की जानकारी मिल सके।
वर्तमान परिस्थिति में निगम वार्ड संपति ब्यौरा सार्वजनिक किए जाने की प्रावधानित कार्यवाही प्रक्रिया व्यवहारिक नहीं है जिसका कारण यह है कि वर्तमान में निगम संपत्ति ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए आवश्यक जागरूकता नहीं हैं निगम पार्षदों द्वारा इस विषयक मांग भी नहीं की गई है।
इसलिए दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने पहल करते हुए आयुक्त नगर निगम रिसाली और भिलाई को पत्र लिखकर सूचित किया है कि निगम संपत्ति ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत करवाए जिससे कि आवश्यकता अनुसार शासन से वांछित दस्तावेज एवं अन्य दिशा निर्देश अभिप्राप्त किया जाना।
संभव हो सके उल्लेखनीय है कि जब निगम संपत्ति ब्यौरा सार्वजनिक होगा तो निगम प्रशासन को शासकीय संपत्ति पर होने वाले अवैध कब्जे की जानकारी भी तुरंत होगी और निर्वाचित जन प्रतिनिधियों द्वारा निगम प्रशासन की जवाबदेही तत्काल सुनिश्चित करवाना संभव होगा।
अवैध विदेशियों की पहचानना आसान हो जाएगा ,नगरीय प्रशासन विभाग एवं राजस्व विभाग से प्रमाणित शासकीय संपत्ति ब्यौरा विकास की कार्य योजना बनाने में मदद करेगा वर्तमान में नगरीय निकायों के विकास कार्यों की कार्ययोजना बनाते समय निगम सलाहकार समिति एवं एमआईसी के सदस्य पार्षदों के पास निगम संपत्ति ब्यौरा नहीं होता है जिसके कारण विकास कार्यों का संतोषजनक सर्वसम्मति बनाना मुश्किल होता है।
भिलाई और रिसाली निगम क्षेत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन से निर्माण कार्य करने की अनुमति लेने की प्रक्रिया बाधक साबित होती है लेकिन जब सार्वजनिक प्रयोजन के भूखंडों का प्रमाणित ब्यौरा पार्षद के पास होगा तो पार्षद अपने वार्ड के भूमि प्रयोजन अनुसार विकास कार्य कराए जाने की मांग रखेगा जिसके आधार पर त्वरित एवं संतुलित विकास कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा।
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