भिलाई नगर : वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में भिलाई के नेहरू नगर स्थित नानकसर गुरुद्वारा में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह दिन सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंहजी के दो छोटे पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।
साहिबजादों के बलिदान का पुण्य स्मरण
वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन ने इस अवसर पर साहिबजादों की वीरता और धर्म के प्रति उनके त्याग का उल्लेख करते हुए कहा:
“साहिबजादों ने धर्म परिवर्तन की शर्त को ठुकराकर अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी गाथा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का आभार, जिन्होंने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मान्यता दी।”
आयोजन की मुख्य झलकियां
- बाल कलाकारों की प्रस्तुति:
बच्चों ने साहिबजादों के बलिदान पर आधारित कविताओं और संगीतमय पाठ का प्रदर्शन किया। - पोस्टर प्रतियोगिता:
लगभग 100 बच्चों ने बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की बहादुरी पर चित्र और पोस्टर बनाए। - सम्मान समारोह:
- मनप्रीत कौर (12वीं): 85% अंक प्राप्त करने पर टेबलेट से सम्मानित।
- अमनदीप सेंडो (10वीं): सायकल देकर सम्मानित।
- गुरुद्वारा प्रमुखों का सम्मान: वैशाली नगर के सभी गुरुद्वारा प्रबंधकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
सनातन धर्म की रक्षा पर जोर
विधायक रिकेश सेन ने कहा:
“वीर बाल दिवस के माध्यम से साहिबजादों की गाथा को हर घर तक पहुंचाना आवश्यक है। इससे न केवल सनातन धर्म की रक्षा होगी, बल्कि मतांतरण जैसी गतिविधियों पर भी रोक लगेगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों को धर्म और परंपराओं का महत्व सिखाएं।”
कार्यक्रम का उद्देश्य
- साहिबजादों के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाना।
- बच्चों और युवाओं में धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- सनातन धर्म और सिख परंपराओं की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करना।
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