सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित, इंदिरा प्लेस, सिविक सेंटर स्थित नेहरू आर्ट गैलरी में, आदिवासी कला एवं संस्कृति पर केन्द्रित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन संध्याकाल 21 नवम्बर, 2024 को मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्या द्वारा किया गया।
अंतर सिंह आर्या, 21 नवम्बर 2024 को अपने भिलाई प्रवास के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य इकाईयों का दौरा करने के पश्चात् इस प्रदर्शनी में शामिल हुए। जहाँ श्री आर्या ने आदिवासी कला एवं संस्कृति से संबंधित, आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन और कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने इस प्रदर्शनी और नृत्य में विशेष रूचि लेते हुए इसका भरपूर आनंद उठाया।
इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारतीय गोड़ एवं बैगा आदिवासी संस्कृति की विविधता और समृद्धि को उजागर किया गया। प्रदर्शनी में लगाये गए तस्वीरों में गोड़ एवं बैगा आदिवासी संस्कृति, उनकी परम्परा, रहन-सहन, तीज-त्यौहार, अनूठे आभूषण आदि को दर्शाया गया था।
प्रदर्शनी में श्री आर्या का स्वागत बैगा नृत्य मंडली द्वारा गुदुम नृत्य की जीवंत प्रस्तुति से किया गया। बैगा नृत्य मंडली के प्रमुख दयाराम राठौरिया ने मुख्य अतिथि अंतर सिंह आर्या का पारंपरिक ताड़ के पत्ते की माला भेंट कर स्वागत किया। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्या ने भारत की समृद्ध आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में योगदान के लिए गोपी कृष्ण सोनी के पिता एवं दया सिंह राठौरिया को सम्मानित किया।
श्री आर्या ने आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा “यह फोटो प्रदर्शनी वास्तव में बैगा जनजाति की विभिन्न गतिविधियों और उनकी संस्कृति पर प्रदर्शित फोटो श्रृंखला के माध्यम से नागरिकों को समृद्ध आदिवासी संस्कृति से अवगत कराने की एक सराहनीय पहल है। आयोजकों को बधाई और शुभकामनाएं।”
प्रदर्शनी में गोपी कृष्ण सोनी की तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं, वे कबीरधाम जिले के पंडरिया के नेउर गांव के निवासी हैं और पेशे से शिक्षक हैं। श्री सोनी राज्य शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोककथाओं पर कई लेख लिखे हैं। श्री सोनी ने नरेश विश्व द्वारा लिखित लोककथा संग्रह में भी अपनी फोटोग्राफी की है। गोपी कृष्ण सोनी ने छत्तीसगढ़ की जनजातियों पर आधारित कई मासिक पत्रिकाओं और अर्धवार्षिक बुलेटिनों के लिए लेखन और फोटोग्राफी की है।
इस प्रदर्शनी में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) संदीप माथुर, आईआर, जनसम्पर्क, सम्पर्क प्रशासन विभाग के महाप्रबंधकगण सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण, एससी/एसटी एसोशियेशन के पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण उपस्थित थे। साथ ही आर्ट क्लब के सदस्यगण, मीडिया प्रतिनिधि, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, कलाप्रेमी, कलाकार तथा इस्पात नगरी भिलाई के आम नागरिक उपस्थित थे।
उद्घाटन कार्यक्रम में प्रदर्शित तस्वीरों में जिन आदिवासी बैगा जनजाति को दिखाया गया है, उनमें से ही आये कुछ कलाकारों ने अपना पारम्परिक लोकनृत्य भी प्रस्तुत किया, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। मध्यप्रदेश डिंडोरी जिले से आये आदिवासी बैगा जनजाति कलाकारों के मुखिया और राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले दयाराम राठुलिया और उनके ग्रुप के सभी सदस्यों ने अपनी विशेष नृत्य प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
उनके नृत्य दल ने आदिवासी परंपराओं और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत के कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किया है। इस नृत्य दल ने 15 नवंबर 2024 को संसद भवन और नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भी ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर भी अपनी प्रस्तुति दी थी।
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