छत्तीसगढ़

Bhupesh Baghel दिल्ली पहुंचते ही खत्म हो गया छत्तीसगढ़ का सियासी संकट?

Bhupesh Baghel छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सोमवार को दोपहर दिल्ली पहुंचे. मुख्यमंत्री का सुबह तक लखनऊ होते हुए लखीमपुरखीरी जाने का कार्यक्रम था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके प्लेन को उतरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद ही मुख्यमंत्री बघेल लखनऊ के बजाय दिल्ली आ गए. एयरपोर्ट से सीधे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान मीडिया से मुखातिब हुए तो उनके निशाने पर योगी आदित्यनाथ की सरकार रही. दूसरी ओर, सोमवार शाम अचानक छह दिनों से दिल्ली में डेरा डाले कांग्रेस विधायक वापस दिल्ली लौट आए. अब इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और कि दोपहर को बघेल दिल्ली आए और शाम को तीन दर्जन विधायक रायपुर लौट गए. इसी के साथ छत्तीसगढ़ के सियासी संकट के मामले का पटाक्षेप हो गया.

छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस विधायक दिल्ली से वापस लौट गए. वो भी उस स्थिति में जब उनकी दबे छुपे मांग कांग्रेस आलाकमान से मिलने की थी. इसका जवाब रायपुर वापस लौटे विधायकों ने इशारों-इशारों में दिया.

न्यूज 18 से खास बातचीत में विधायकों ने कहा कि जिस मकसद से हम गए थे. वह पूरा हो गया. हालांकि मकसद का खुलासा उन्होंने साफतौर से नहीं किया. कुछ विधायकों ने कहा कि जो बदलाव की बात कही जा रही थी, वह नहीं होगी. विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे ने कहा कि बदलाव जैसे कोई बात नहीं है. मुख्यमंत्री पहले से स्पष्ट कर चुके हैं. हमारी मंशा है कि जो अभी हैं वही रहे.

धरमजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया ने कहा कि दबी जुबान से स्वीकार करते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल के समर्थन के लिए दिल्ली गए थे. विधायक शिशुपाल सिंह सोरी ने रायपुर एयरपोर्ट से निकलने के दौरान विक्ट्री का निशान मीडिया को दिखाया. जब उनसे इसका मतलब पूछा गया तो बोले इशारों को समझिए.

क्या राहुल गांधी को रायपुर बुलाना था मकसद?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सात अक्टूबर को आएंगे रायपुर और चंद्रखुरी कौशल्या माता मंदिर के दर्शन करेंगे. राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे की बात लंबे समय से मीडिया में चल रही थी. भूपेश बघेल ने पिछले माह मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि उन्होंने राहुल गांंधी से छत्तीसगढ़ का दौरा करने का अनुरोध किया है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस विधायक आलाकमान को इस मामले में अपनी बात मनवाने में सफल रहे हैं. विधायकों ने अपने रुख से पार्टी आलाकमान को यह संदेश देने की पूरी कोशिश कर डाली कि छत्तीसगढ़ में अगर मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बदलने की कोई संभावना हो तो ऐसा ना किया जाए. दिल्ली में मौजूद विधायक भूपेश बघेल का ही नेतृत्व छतीसगढ़ में बने रखना चाहते हैं.

 

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