
छत्तीसगढ़ के उमरा देहान (दुगली) में 24 मई (शनिवार) को लोहिया अनुरागियों का अभूतपूर्व मेला लगेगा। डॉक्टर लोहिया ने आदिवासियों के भूमि अधिकारों को लेकर 70 वर्ष पूर्व इसी स्थान पर लाल झंडा फहरा कर आंदोलन शुरू किया था। डॉक्टर लोहिया के बाद इसका नेतृत्व देश के जाने-माने लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर जी ने संभाला।
इस आंदोलन में यहां के आदिवासियों की अब चौथी पीढ़ी अपनी हिस्सेदारी कर रही है।देश की आजादी के बाद यह पहला और एकमात्र शांतिपूर्ण गांधीवादी अहिंसा-आंदोलन है, जिसमें हिंसा के लिए कोई जगह नहीं रही। हर आंदोलन में, हर पदयात्रा में,हर धरने में आदिवासी महिलाएं भागीदारी में पुरुषों से कभी भी पीछे नहीं रहीं।
पिछले वर्ष धमतरी में तीन दिन चले धरने में हजारों की संख्या में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भागीदारी की थी। मूसलाधिकार बारिश शुरू हो गई लेकिन किसी भी आंदोलनकारी ने धरना स्थल को नहीं छोड़ा था।मूसलाधार बारिश भी इनके दृढ़ संकल्प को नहीं बदल सकी।। जैसे कि इंद्र देवता इनकी परीक्षा ही ले रहे थे।
आखिरकार आंदोलनकारियों की जीत हुई। जिस दिन का इंतजार करते करते आज आदिवासियों की चौथी पीढ़ी आंदोलन में शामिल हो चुकी है, वह दिन अब आ गया है। इस अवसर पर उमरा देहान के आसपास के आदिवासी गाँव वालों ने एक-एक किलो धान इकट्ठा कर आंदोलन के जनक डॉ राममनोहर लोहिया की मूर्ति बनवाई है, उसका अनावरण दिन:11बजे होगा।
कार्यक्रम में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ,आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह,श्रीमती अंबिका मरकाम-विधायक सिहावा, पूर्व विधायक अरुण वोरा-प्रदीप चौबे ,गुरदयाल बंजारे श्रवण मरकाम वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर, जयंत तोमर मातामणि तिवारी अरुण प्रताप सिंह विभिन्न राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय तथा प्रदेश पदाधिकारीयों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में आंदोलन के सभी सहयोगियों तथा उनके परिवारजनों को भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।
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