अपराधछत्तीसगढ़

आईजी ऑफिस के सामने मां का शव रखा और आरोप लगाया कि…

अंबिकापुर / जमीन संबंधी मामले में कथित अपहरण के बीच एक महिला संदिग्ध अवस्था में अपने भाई के घर बेहोश हो गई और बाद में उसकी रायपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई।

इस पूरे मामले को लेकर बुधवार को पुलिस विभाग में उस समय हड़कंप मच गया, जब मृतका का शव लेकर उसका बेटा आईजी ऑफिस के सामने गेट पर परिवार के साथ बैठ गया।

बेटे का आरोप था कि कुछ भू-माफिया जमीन बेचने का उसकी मां पर दबाव बनाव रहे थे और अपहरण कर ग्राम मजिरा में मामा (महिला धनकुंवर बाई के भाई) के यहां ग्राम मजिरा लटोरी में कई महीने से रखे थे।

भू-माफिया ने 11 जुलाई को धनकुंवर को पेशी में जाने से मना किया और दूसरे दिन वह मजिरा में मामा के घर बेहोशी की हालत में मिली। महिला को मेडिकल काॅलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया, जहां से उसे रायपुर रेफर कर दिया।

रायपुर में उसकी 18 जुलाई को मौत हो गई। ग्राम मेंड्राखुर्द निवासी शत्रु नारायण ने मामले में गांधीनगर और लटोरी पुलिस पर समय रहते भू-माफिया पर अपहरण के मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।

रायपुर अस्पताल में पहुंचे भू-माफिया पीड़ित ने गृहमंत्री से भी की थी शिकायत

भू-माफिया पर रायपुर अस्पताल में भी पहुंचकर डराने-धमकाने का आरोप है। इसको लेकर शत्रुनारायण ने गृहमंत्री को भी वहीं पर आवेदन सौंपा था और सुरक्षा की मांग कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी।

शत्रु नारायण ने बताया है कि जब वह मां को लेकर डीकेएस अस्पताल में भर्ती था। तब भू-माफिया अपने दो साथियों के साथ अस्पताल में 16 जुलाई को पहुंच गया और डराने-धमकाने लगा। वे इलाज में अवरोध उत्पन्न कर रहे थे।

बेटा बोला- वह जब भी मां को लेने जाता भू-माफिया को बुला लेते थे मामा

धनकुंवर मूलत: गांधीनगर थाना के ग्राम मेंड्राखुर्द में रहती है और उसके दो बेटे शत्रु नारायण और मंगल हैं। महिला का जमीन संबंधी मामला कोर्ट में चल रहा है।

शत्रु ने कहा कुछ माह पहले उसकी मां को इलाज कराने के बहाने मामा ने अपने पास ग्राम मजिरा बुला लिया था। वहां उसका भाई मंगल भी रहता था। इस बीच वह मां से मिलने कई बार मजिरा गया, लेकिन हर बार मामा के बुलाने पर भू-माफिया वहां पहुंच जाते।

इससे वह मां को अपने साथ नहीं ले आ सका। आईजी थे बाहर, एएसपी ने दिया आश्वासन: शव लेकर परिवार के सदस्य आईजी ऑफिस के सामने डटे रहे। आईजी बाहर थे। आनन-फानन में एएसपी विवेक शुक्ला व अन्य अफसर पहुंचे।

उन्होंने मामले में जांच कर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर गए। इस पूरे प्रकरण के सामने आने से पुलिस द्वारा शिकायत आवदेनों की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

मां को पेशी में आने से रोका दूसरे दिन अस्पताल में थी भर्ती

शत्रु नारायण ने बताया कि जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी मामले में 11 जुलाई को पेशी थी, लेकिन मां को भू-माफिया ने पेशी में जाने से रोक दिया। वे मां पर विवादित जमीन को बेचने दबाव बना रहे थे।

11 जुलाई को भू-माफिया ने मां को कुछ खिला-पिला दिया और रात में वह बेहोश हो गई। इसके बारे में दूसरे दिन तब पता चला, जब मैं लटोरी पुलिस से मां के पेशी में नहीं आने देने को लेकर शिकायत करने गया। तब पता चला कि

वह बीमार है और मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती है। अस्पताल में 12 जुलाई को मां धनकुंवर बेहोशी की हालत में मिली। यहां से डाक्टरों ने उसे रायपुर रेफर कर दिया, जहां 18 जुलाई को उसकी मौत हो गई।

सरगुजा और सूरजपुर एसपी से मांगी है जानकारी

मामला सरगुजा और सूरजपुर दोनों जिले से जुड़ा है। इसलिए इसमें दोनों जिले के एसपी से वस्तु स्थिति की रिपेार्ट मांगी गई है। जो भी तथ्य होंगे, उसके अनुसार दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

अजय कुमार यादव, आईजी, सरगुजा

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