
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रव्यापी “टीबी उन्मूलन” अभियान के साथ एकजुटता दिखाते हुए 23 जनवरी, 2025 को सिविक सेंटर क्षेत्र में टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन रैली का आयोजन किया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ एम रविन्द्रनाथ मुख्य अतिथि थे तथा दुर्ग जिले के जिला टीबी अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय समन्वित एवं सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से भारत से टीबी (क्षय रोग) को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
टीबी मुक्त भारत सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 7 दिसंबर, 2024 को टीबी उन्मूलन पर 100 दिवसीय गहन अभियान शुरू किया गया, जो 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा। कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ एम रविन्द्रनाथ ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ विनीता द्विवेदी,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ कौशलेन्द्र ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एस मुख़र्जी, एसीएमओ (एमएंडएचएस) डॉ उदय कुमार, महाप्रबंधक (एम एंड एस-मेडिकल) शाहिद अहमद, महाप्रबंधक (सीएसआर) शिवराजन एवं वरिष्ठ डॉक्टर, वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ, पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग के नर्सिंग छात्र और अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
डॉ. रविन्द्रनाथ एम ने अपने संबोधन में समुदाय से टीबी उन्मूलन में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया। इस रोग से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने में शिक्षा और जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला और जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की भूमिका पर बात की।
डीटीओ (दुर्ग जिला) डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव ने अपने भाषण में टीबी उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि इस अभियान के दौरान कुष्ठ रोग के मामलों की पहचान करने और बुजुर्गों की देखभाल के महत्व को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि निक्षय मित्र के रूप में, बीएसपी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, भिलाई के डीओटी केंद्र में पंजीकृत टीबी रोगियों को पोषण सम्बंधी सहायता प्रदान कर रहा है। विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली के मार्गदर्शन में श्वसन चिकित्सा विभाग इस अभियान के एक हिस्से के रूप में, रोग के बारे में जागरूकता पैदा करने और समुदाय में टीबी के मामलों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
इस पहल का उद्देश्य समुदाय में अधिक जागरूकता पैदा करना, टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और लोगों को बीमारी के लक्षण दिखने पर चिकित्सा सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। टीबी उन्मूलन अभियान के संदेशों को प्रदर्शित करने वाले बैनरों के साथ एक ‘कैंपेन व्हीकल’ को अतिथियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
कार्यक्रम के दौरान हिंदी और छत्तीसगढ़ी में एक शैक्षिक द्विभाषी ऑडियो संदेश भी जारी किया गया, जो ‘कैंपेन व्हीकल’ का हिस्सा था। जिसमें टीबी के बारे में जानकारी और भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस बीमारी के इलाज के लिए दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के बारे में बताया गया।
रैली में छात्रों, स्वास्थ्य कर्मियों और निवासियों की खासी भागीदारी देखी गई। टीबी के लक्षणों, उपचार और निवारक उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए सूचनात्मक पोस्टर और बैनर दिखाए गए। स्थानीय समुदाय में टीबी की रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, नर्सिंग छात्रों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया, जिसमें टीबी के समय पर निदान और उपचार के पालन के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
प्रारंभ में, विभागाध्यक्ष (श्वसन चिकित्सा विभाग) डॉ. सोनाली त्रिवेदी ने टीबी उन्मूलन के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवायें विभाग द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। वरिष्ठ परामर्शदाता (श्वसन चिकित्सा विभाग) डॉ. रौनक दास ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
साथ ही डॉ. अनिरुद्ध मेने, डॉ. सुदीप्तो दासगुप्ता, डॉ. अतुल, सुश्री शैला अब्राहम, सुश्री लता मिश्रा, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवायें विभाग के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, भिलाई के स्टाफ ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में योगदान दिया।
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