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INS विक्रांत के लिए एडवांस फाइटर जेट बेचने की होड़, अमेरिका और फ्रांस आगे…

भारत के पहले 45,000 टन वजनी स्वदेशी विमानवाहक युद्ध पोत INS विक्रांत को लड़ाकू विमान बेचने के लिए दुनिया भर में होड़ लग गई है. इस रेस में दुनिया के दो सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान निर्माता देश फ्रांस और अमेरिका भी शामिल हैं.

30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर रखने की क्षमता वाले शक्तिशाली INS विक्रांत में फिलहाल अभी रूसी लड़ाकू विमान मिग-29 को ही जगह दी गई है. AFP की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक रेस में फिलहाल अमेरिकी कंपनी बोइंग और राफेल बनाने वाली दसॉल्ट सबसे आगे चल रही है.

दो इंजन के 57 लड़ाकू विमान लेगा भारत –

अपने दो विमानवाहक युद्ध पोतों के लिए भारत को 57 डबल इंजन वाले फाइटर जेट की आवश्यकता है. इतनी बड़ी मांग को देखते हुए पांचवीं पीढ़ी के विमान बनाने वाले दोनों देश भारत से बड़ा समझौता होने की आस लगाए बैठे हैं. इससे पहले भारतीय वायु सेना ने रूस से भी 45 MiG-29 लड़ाकू विमान खरीदे थे.

हालांकि इस रूसी विमान के साथ एक समस्या यह है कि मिग-29 एक बड़ा विमान है जिसे डेक पर उतारना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. साथ ही इन विमानों में इंजन फेल होने की समस्या काफी आम होती जा रही है.

इस साल के मई माह में बोइंग ने दो F-18 को भारत के नौसैनिक अड्डे पर जेट की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए भेजा था. एफ18 ब्लॉक III सुपर हॉर्नेट अमेरिकी नौसेना सूची में नवीनतम अत्यधिक सक्षम, किफायती और एक एडवांस लड़ाकू विमान है. बोइंग सुपर हॉर्नेट को यूएस नेवी कैरियर एयर विंग की रीढ़ बताता आया है.

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