कांकेर / पिछले एक नवंबर से धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने का मामला अब भी सुलझ नहीं पाया है. आमाबेड़ा के ग्राम कुर्रुटोला निवासी चैती बाई की मृत्यु के बाद उसे उसके ही पट्टे वाली जमीन में उसके बेटों ने दफना दिया था, किंतु आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने अपने गांव की जमीन में धर्मांतरित महिला के शव को जगह नहीं देने की बात कही. न्याय की गुहार लगाने गए मृतक के पीड़ित पुत्र को थानेदार ने थाने में पिटाई कर दी. साथ ही नक्सली केस में फंसाकर एनकाउंटर करने की धमकी दी.
मामला बढ़ते हुए धरना प्रदर्शन तक पहुंच गया और कुछ लोगों ने चैती बाई के शव को खोदकर बाहर निकाल दिया, जिसे प्रशासन शव वाहन में डालकर अंतागढ़ ले आया. आज चैती बाई की मृत्यु हुए 7 दिन हो गए,दफन किये गए शव को कब्र से बाहर निकाला गया है, लेकिन अब तक उसे दुबारा कब्र में दफनाने जगह नहीं मिला.
मृतिका चैती बाई का शव अंतागढ़ के अस्पताल में अपने अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहा है. चैती बाई के बेटे का कहना कि जिन्होंने कब्र खोदकर उसकी मां के शव निकाला है, वो ही अब उसकी मां का अंतिम संस्कार करें और मेरे अनुपस्थिति में मेरी माँ का लाश, जिसने खोदकर निकाली है, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो. साथ ही आमाबेड़ा थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की है.
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