पहले वर्दी देख कर लोग भाग जाते थे, अब सुरक्षाबलों के कैम्प स्थापित करने में ग्रामीण कर रहे सहयोग
रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुकमा के पुलिस लाइन ग्राउंड में दुर्गा फाइटर्स बटालियन की महिला जवानों से मुलाकात की। इस दौरान दुर्गा फाइटर्स की प्रधान आरक्षक स्वाति दीप तिर्की ने मुख्यमंत्री के पूछने पर उन्हें पहले और अब के बस्तर के बीच अंतर बताते हुए कहा कि पहले वर्दी देख कर लोग भाग जाते थे,
अब सुरक्षाबलों के कैम्प स्थापित करने में ग्रामीण सहयोग कर रहे हैं। पहले नक्सलियों ने लोगों की मानसिकता बनाई थी कि पुलिस वाले प्रताड़ित करते हैं, मगर अब कैम्प्स बनने से पुलिसबल और आमजन रूबरू हो रहे हैं।
अब लोगों के बीच सुरक्षाबलों की छवि बदल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ा परिवर्तन ये है कि अब वर्दी के प्रति लोगों में भय नहीं, लोग समझ रहे कि ये हमारी सुरक्षा के लिए हैं। जो सड़क बन रही है, वो हमारे लिए बन रही है।
जो कैम्प बन रहे हैं, वो हमारे लिए बन रहे हैं। महिला प्रधान आरक्षक ने मुख्यमंत्री को बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा दुर्गम इलाकों में नए कैम्प्स स्थापित किये जा रहे हैं। एमाकोण्डा में पहले कोई सुविधा नहीं थी,
सुरक्षाबल वहां सड़क निर्माण कर कैम्प तक पहुंचे, अब वहां बिजली और सड़क की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने उनसे सुकमा में बने नवीन कैम्पस के सम्बंध में जानकारी ली।उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष रक्षाबंधन के मौके पर दुर्गा फाइटर्स बटालियन का गठन किया गया था।
दुर्गा फाइटर्स बटालियन में 36 महिला जवान शामिल हैं। इस बटालियन के गठन का उद्देश्य लैंगिक समानता बढाना है ताकि पुरुष सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधे मिला कर महिलाएं भी दुर्गम इलाकों सेवा दे सकें।
प्रधान आरक्षक ने मुख्यमंत्री को बताया कि पहुंचविहीन इलाकों में बने कैम्प्स में रहते हुए दुर्गा फाइटर्स गांव भ्रमण के दौरान जन जागरूकता फैलाने का काम भी कर रही है तथा अति संवेदनशील क्षेत्रों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण सहयोग दे रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि दुर्गा फाइटर्स के गठन से युवतियों में बस्तर फाइटर्स की वेकैंसी में शामिल होने का रुझान बढ़ा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल को दुर्गा फाइटर्स की महिला जवानों ने उनका और डीजीपी जुनेजा का स्केच भेंट किया।
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