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लिवर में जमे ज़िद्दी फैट को पिघलाना है? कच्ची हल्दी का ये तरीका जान लिया तो डॉक्टर के पास जाने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

हल्दी को एक सुपरहर्ब माना जाता है, क्योंकि इसमें मौजूद करक्यूमिन नामक कंपाउंड में कई औषधीय लाभ होते हैं। ये ऐसा बायोएक्टिव कंपाउंड है जो शरीर के लिए कई प्रकार से काम कर सकता है। लेकिन, आज हम लिवर के लिए हल्दी के इस्तेमाल की बात करेंगे। दरअसल, रोजाना हमारा शरीर कई प्रकार से फैट का प्रोडक्शन करता है जिसमें से ट्रांस फैट लिवर सेल्स में जमा हो जाता है। इससे लिवर का काम काज बाधित होता है। ऐसे में हल्दी इसे हेल्दी रखने में मदद कर सकती है।

लिवर के लिए कैसे फायदेमंद है कच्ची हल्दी ?

हल्दी में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन लिवर के फैट को कम करने और फैटी लिवर की स्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को घटाते हैं, साथ ही लिवर एंजाइम्स (जैसे ALT, AST) को कंट्रोल करते हैं जिससे फैटी लिवर के लक्षणों में कमी आती है।

हल्दी लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है

कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन लिवर के सूजन को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव फ्री रेडिकल्स को बेअसर करता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। यह खून में विषाक्त पदार्थों को खत्म करके नेचुरल प्यूरिफायर के रूप में भी काम करता है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग से पीड़ित लोगों के लिए करक्यूमिन लिवर में सूजन और फैट को कम करने में मददगार है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी और लिपिड मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जिससे लिवर में फैट जमा होने की संभावना कम हो जाती है।

कैसे इस्तेमाल करें कच्ची हल्दी?

कच्ची हल्दी का पानी लिवर को डिटॉक्स करने में फायदेमंद है ।सस्बे अफ्ले कच्ची हल्दी को पीस लें और फिर गुनगुने पानी में इसे मिलाएं। ऊपर से थोड़ा सा शहद स्वाद के लिए और नींबू असर को बढ़ाने के लिए मिला लें। अब इसे मिक्स करके रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें। इस तरह ये लिवर डिटॉक्स में मददगार होगी।

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