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6 साल से ‘लिव इन रिलेशनशिप‘ में हैं 67 साल की रामकली और 28 साल का भोलू, इस प्यार को क्या नाम दूं ?

ग्वालियर। इन दिनों “लिव इन रिलेशनशिप” मामलों में इजाफा देखा जा रहा है. इसी बीच ग्वालियर से लिव इन रिलेशनशिप का एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है, जहां दो प्यार करने वालों के बीच उम्र की सीमा भी कोसो दूर रह गई. दरसअल तस्वीर में दिख रहे यह दोनों लोग एक दूसरे से बहुत प्यार करते है.

मुरैना जिले के कैलारस के रहने वाले 67 साल की रामकली का दिल 28 साल के भोलू पर आया. इसलिए दोनों एक साथ रहने लगे. देखते ही देखते 6 साल गुजर गए. जब इतना लंबा वक्त लिव इन में गुजारा, तो इस रिश्ते को ओर ज्यादा मजबूती देने की सोची. दोनों जिला न्यायालय कोर्ट परिसर पहुंचे और इस 6 साल के लिव इन रिलेशनशिप को दस्तावेज में तब्दील कराने इसे नॉटराइज्ड करा दिया.

न उम्र की सीमा हो न जन्मों का हो बंधन. यह गीत के बोल तो हर किसी ने सुने होंगे. रामकली और भोलू के प्यार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. ज्यादातर हम देखते है कि लिव इन रिलेशन के मामले आम तौर पर बड़े शहरों में देखने को मिलते हैं, लेकिन ग्वालियर चम्बल अंचल में भी लिव इन का चलन बढ़ रहा है.

67 साल की रामकली और 28 साल के भोलू के प्यार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन शादी के बंधन में नहीं बंधे. इसलिए उन्होंने लिव इन रिलेशन को चुना. लिहाजा रामकली और भोलू ग्वालियर के जिला अदालत पहुंचे और दोनों ने लिव इन रिलेशन की नोटरी कराई.

रामकली और भोलू का कहना है कि दोनों एक दूसरे से प्रेम करते हैं और साथ रहना चाहते हैं. लिव इन रिलेशन में रहने के दौरान भविष्य में किसी तरह का विवाद ना हो, इसके लिए लिव इन रिलेशन की नोटरी कराने आएं. मामले को लेकर रामकली और भोलू के वकील रविन्द्र कुमार भारद्वाज का कहना है कि वह रामकली के पुराने पारिवारिक वकील है.

वह उनके पास आई थी. उनके आवेदन पर लिव इन की नोटरी कराई. जिला न्यायालय के अधिवक्ता संघ के सचिव एडवोकेट दिलीप अवस्थी के अनुसार आजकल महिला और पुरुष जब लिव इन रिलेशन में रहते हैं, तो कई बार उनके बीच मतभेद होने लगते हैं. जब लिव इन जोड़े की जाति अलग हो या फिर उम्र में फासला हो तो ऐसे लिव इन जोड़ों के बीच विवाद ज्यादा होते हैं.

वहीं कई जोड़े एक दूसरे की नौकरी को लेकर भी अहम का टकराव होने लगता है. फिर मामले थाने तक पहुंचते हैं. शारिरिक शोषण के आरोप लगते है. यही वजह है कि ऐसे जोड़े विवादों से बचने के लिए लिव इन रिलेशन की नोटरी तैयार कराते हैं.

हालांकि कानूनी रूप से ऐसे दस्तावेज का कोई औचित्य नहीं होता. कांटेक्ट एक्ट केवल मुसलमानों में ही मान्य होता है. हिंदुओं के लिए नहीं है. क्योंकि हिन्दू विवाह अनुबंध की श्रेणी में नहीं आता है. बहरहाल जो भी हो 67 साल की रामकली की 39 साल छोटे भोलू से प्रेम की कहानी खूब चर्चाओ में आ गई है.

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