अमानक दवाओं को खपाने का गढ़ बना छत्तीसगढ़
1.पिछले तीन सालों में प्रदेशभर 96 अमानक दवाओं के प्रकरण सामने आए
2.समय पर जांच पूरा नहीं कर रहे औषधि निरीक्षक
3.गुणवत्ताविहिन दवाईयों को बेचने वालों को दंडित नहीं करा सका विभाग
रायपुर । पिछले तीन सालों में प्रदेशभर 96 से अधिक अमानक दवाओं के प्रकरण सामने आए। इसमें औषधि विभाग के जिम्मेदारों ने कोर्ट के समक्ष 49 केस में ही चालान प्रस्तुत कर पाए। वर्ष-2020 में 18 मामलों में चालान प्रस्तुत किए गए। वर्ष-2021 में 17 और वर्ष-2022 जनवरी से अब तक 14 प्रकरणों में प्रदेशभर से कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर पाए हैं।
इनमें भी ऐसे केस हैं, जो सालों से लंबित थे। यानी औषधि निरीक्षकों द्वारा जांच में देरी की गई। गुणवत्ताविहिन दवाईयों के लिए छत्तीसगढ़ सुरक्षित गढ़ बनते जा रहा है। हजारों तरह की दवाईयों के बीच गुणवत्ता को लेकर यहां न तो विभाग कोई सतर्कता दिखाता है, न ही मेडिकल व्यापारी।
ये इसी बात से समझा जा सकता है कि बीते तीन सालों में यहां अमानक दवाईयों के 96 प्रकरण ही सामने आए। उस पर भी तुर्रा ये कि इन अमानक दवाईयों को बेचने के आरोप में विभाग एक को भी दंडित नहीं करवा पाया है। गुणवत्ताविहिन दवा की 47 प्रकरणों में चालान तक प्रस्तुत नहीं किए गए।
यानि, एक तरह से औषधि विभाग के अधिकारी अमानक दवा बेचने वालों को छत्तीसगढ़ में सुरक्षित कार्य करने की पुष्ठभूमि देकर देकर बैठ गए हैं।यहां स्थिति ये है कि पांच सालों से अमानक दवाएं विक्रय करने, बिना लाइसेंस से दवाएं खपाने जैसे गंभीर प्रकरणों के 47 केस में औषधि विभाग के अधिकारी कोर्ट में चालान तक प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं।
औषधि निरीक्षण जांच और कार्रवाई की बात तो कहते हैं, लेकिन लंबे समय तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होना सीधे लीपातोती की ओर संकेत कर रहे हैं। अधिक समय होने के कारण न्यायालयों में केस भी नहीं टिक पाते हैं और साक्ष्य के अभाव में आरोपित सजा से बच जा रहे हैं।
विभाग की इस लचर और चिंतामुक्त कार्यशैली का परिणाम यह है कि बीते तीन वर्षों में एक भी अमानक दवाओं के दोषियों को दंड तक नहीं मिल पाया है।
-अमानक दवाओं के कई प्रकरणों में दूसरे राज्यों तक जांच के लिए जाना पड़ता है। कई कानूनी प्रक्रियाएं हैं। इसके कारण जांच में थोड़ा समय लगता है। औषधि निरीक्षकों को केस की जांच समय-सीमा के अंतर्गत शीघ्र पूरा करने निर्देशित किया जा रहा है।
-केडी कुंजाम, ड्रग कंट्रोलर, छत्तीसगढ़ प्रतिबंधित नशीली टेबलेट के साथ आरोपित को पुलिस ने पकड़ा राजधानी में नशे की गोलियां, कफ सिरप और इंजेक्शन बेचने वाले ओडिशा से दो बड़े आरोपितों को पकडऩे के बाद पुलिस अब दूसरे आरोपितों को गिरफ्तार करने में जुट गई है।
अवैध तरीके से नशे की दवा बेचने वालों पर अंकुुश लगाने के लिए रायपुर की पुलिस ने अपने-अपने थाना क्षेत्र में मुखबिर को लगाया है।
मुखबिर की सूचना पर दे रही पुलिस दे रही दबिश : गश्त के साथ मुखबिर की सूचना पर पुलिस बताए गए स्थान पर दबिश दे रही है। 27 फरवरी को नया रायपुर के माना बस स्टैंड पास एक युवक प्रतिबंधित नशीली टेबलेट लेकर कही जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कीर्तन राठौर एवं नगर पुलिस अधीक्षक माना कैंप एलसी मोहले ने थाना प्रभारी माना कैंप शरद चंद्रा को आरोपित को टेबलेट के साथ रंगे हाथ पकडऩे का निर्देश दिया।
माना बस स्टैंड से आरोपित गिरफ्तार : मुखबिर की सटीक सूचना पर चिन्हांकित कर आरोपित को पकड़ा। आरोपित के पास से कार्टन में रखा 1900 नशे का टैबलेट पुलिस ने बरामद किया। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम अल्ताफ रजा उर्फ विक्की टिकरापारा रायपुर का निवासी बताया। कार्टून की तलाशी लेने पर कार्टन में नाईट्रोसन -10 नामक प्रतिबंधित नशीली टैबलेट मिला।
दवाओं के बारे में कोई दस्तावेज नहीं देने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपित ओडिशा में नारकोटिक्स एक्ट के मामले में जेल में निरुद्ध रह चुका है। आरोपित को पकडऩे में निरीक्षक शरद चंद्र थाना प्रभारी माना कैंप, उपनिरीक्षक सौमित्री भोई, सउनि. प्रमोद सिन्हा, आर अजय चौधरी, शिव पाटले, पवन त्रिपाठी एवं देवा नेताम की भूमिंका रहीं।
रायपुर में नशे के कारोबार स्थापित करने वाले रवि साहू- आसिफ बेखौफ रायपुर सहित पूरे छग में नशे के कारोबार को स्थापित करने वाले रवि साहू और आसिफ पुलिस के कार्रवाई से बेखौफ हैं। छुटभैय्ये नेताओं से नजदीकी के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने में पीछे रहती है।
नारकॉटिक्स सेल बनने के बाद ऐसा महसुस हो रहा था कि नशे की कारोबारी सरेंडऱ हो जाएंगे लेकिन छोटी मछली को ही पकड़ा जा रहा है, बड़ी मछलियों पर पुलिस हाथ ड़ालने से कोसो दूर है। 8 किलो गांजे के साथ सप्लायर गिरफ्तार बिलासपुर में सरकंडा पुलिस ने चिंगराजपारा में दबिश देकर आठ किलो गांजा के साथ युवक को गिरफ्तार किया है।
आरोपित गांजा खपाने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहा था। पूछताछ के बाद उसे गांजा सप्लाई करने वालों की भी तलाश की जा रही है। मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। सरकंडा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि सूचना मिली कि चिंगराजपारा निवासी युवक ने अपने मकान में बड़ी मात्रा में गांजा रखा है।
युवक गांजा बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहा है। सूचना पर पुलिस ने अपने मुखबिर से इसकी तस्दीक कराई। इसके बाद चिंगराजपारा के प्रभात चौक स्थित कदमपारा में दबिश देकर दीपक वैष्णण(42) को पकड़ लिया। पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह कर रहा था। कड़ाई करने पर उसने अपने मकान में गांजा रखना स्वीकार किया।
आरोपित की निशानदेही पर आठ किलो गांजा जब्त किया गया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। अवैध शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार बेमेतरा में अवैध देशी शराब केसाथ पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दाढ़ी पुलिस को अवैध शराब तस्करों की मुखबीर से सूचना मिली जिस पर एक व्यक्ति मोटर सायकल में एवं एक व्यक्ति लालपुर से दाढी की ओर पैदल आ रहे व्यक्ति को रोककर तलासी लिया गया, जिसमे दोनों आरोपी से शराब बरामद किया गया।
पुलिस ने दो प्रकरण में आरोपी देवेन्द्र मारकंडे (28) व गोवर्धन मण्डावी (22) के कब्जे से 93 पौवा शराब कीमती 7,440 रूपये एवं पुरानी मोटर सायकल कीमत 25,000 रूपये को आबकारी एक्ट के तहत जप्त कर वैधानिक कार्यावाही की गई है। उक्त कार्यवाही में थाना दाढी प्रभारी सउनि सुभाष सिंह, प्रधान आरक्षक रामकुमार दिवाकर, कामता प्रसाद, आरक्षक ऋतुराज सिंह, राजेश कुर्रे, छन्नु टण्डन, संजय चंद्राकर एवं अन्य स्टाफ शामिल थे।
अवैध शराब की तस्करी करते 4 गिरफ्तार महासमुंद जिले में आबकारी एक्ट के तहत कुल 4 मामलों में कार्यवाही की गई है. जिसमें सरायपाली थाना अंतर्गत ग्राम पाटसेन्द्री में आरोपी चौधरी पिता रामलाल उम्र 41 साल के किराना दुकान से 3800 एम. एल. अंग्रेजी/महुआ शराब कीमती 1600 रू. को बिक्री करने वास्ते घटनास्थल पर रखे पाए जाने पर ब्रिकी रकम 2000 रू. जुमला 3600 रू. को जप्त कर 34(1) आबकारी एक्ट के तहत अपराध कायम कर कार्यवाही की गई।
ग्राम पाटसेन्द्री में आरोपी प्रमोद अग्रवाल पिता मांगेलाल उम्र 57 साल को शराब पिलाने की सुविधा उपलब्ध कराते मिलने पर उसके कब्जे से 230 एम एल अंग्रेजी शराब कीमती 150 रू. एवं 5 नग डीस्पोजल व पानी पाउच कीमती 20 रू जुमला 170 रू. को जप्त कर कार्यवाही की गई। पटेवा थाना अंतर्गत कछारडीह से पुलता जाने का कच्चा रास्ता, जंगल के पास शिव कुमार यादव पिता पान सिंह उम्र 35 साल को शराब पिलाने की सुविधा उपलब्ध कराते मिलने पर कार्यवाही की गई।
बीटीआइ रोड महासमुंद में राकेश साहु के अंडा ठेला, में राकेश साहु पिता हेमलाल उम्र 27 साल को शराब पिलाने की सुविधा उपलब्ध कराते मिलने पर उसके कब्जे से 150 एम एल देशी प्लेन शराब कीमत 60 रू. को जब्त कर अपराध कायम कर कार्यवाही की गई। शराबबंदी के लिए सरकार चलाएगी।
नशामुक्ति अभियान प्रत्येक ग्राम पंचायत में भारत माता वाहिनी का गठन होगा प्रदेश में शराबबंदी से पहले सरकार नशामुक्ति अभियान चलाएगी। इसके लिए सरकार के समाज कल्याण विभाग ने कवायद तेज कर दी है। राज्य और जिलास्तर पर नोडल अफसरों की नियुक्ति की गई है। अब हर गांव में भारत माता वाहिनी के गठन की तैयारी चल रही है। वाहिनी के गठन के लिए पहले चरण में दो हजार से अधिक जनसंख्या वाले करीब 10 हजार ग्राम पंचायतों का चयन किया जा रहा है।
स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से सभी जिलों में 15 बिस्तर वाले नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। बता दें कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी। यह वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इसको लेकर विपक्ष की तरफ से उठने वाले सवालों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार स्पष्ट कह चुके हैं कि राज्य में शराबबंदी करेंगे, लेकिन यह नोटबंदी की तरह अचानक नहीं होगा।
बघेल की राय में शराब सामाजिक बुराई है, इसलिए शराबबंदी के लिए पहले जनजागरुकता जरूरी है। समाज कल्याणविभाग के अफसरों के अनुसार भारत माता वाहिनी लोगों को नशा के खिलाफ जागरूक करने का काम करेगी। समाज कल्याणमंत्री अनिला भेंडिय़ा ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को नशे से दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इसलिए भारत माता वाहिनी योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत और आश्रित गांवों में ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा कि नशा करने वालों कि मन:स्थिति में बदलाव आए और वे नशा करने की लत छोडऩे विवश हो जाएं। यह सब सामूहिक प्रयत्न से ही संभव हो पाएगा।
समाज कल्याणविभाग के अफसरों ने बताया कि शराब व्यसन मुक्ति अभियान के लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग समितियां बनाई जाएगी। समितियां कार्य योजना की निगरानी और नियंत्रण आदि का काम करेंगी। समाज कल्याणविभाग के सचिव राज्यस्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे।
वहीं, जिलास्तर पर समिति कलेक्टर की अध्यक्षता में काम करेगी। इसमें विभिन्न् विभागों, भारत माता वाहिनी के सदस्य सहित समाज के विभिन्न् वर्गों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। शराबबंदी को लेकर सरकार ने राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों वाली कुल तीन समितियां बनाई हैं।
इन समितियों की अब तक कुल पांच बैठकें हुई हैं। इसमें राज्य में क्रमिक शराबबंदी को लेकर विचार मंथन किया जा रहा है। वहीं, राज्य में अब तक 50 शराब दुकानों को बंद किया गया है।
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