
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र को प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक इको-इनोवेशन अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी), नई दिल्ली द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार के क्षेत्र में संयंत्र की अग्रणी पहलों की सराहना स्वरूप प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार 26वें अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान 26 जून 2025 को बेंगलुरु में प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार के भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्रालय के माननीय केंद्रीय कैबिनेट मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने की। कार्यक्रम में उद्योग जगत के प्रमुखों, वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों, प्रख्यात पर्यावरणविदों तथा भारत सरकार के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता ने यह पुरस्कार ग्रहण किया, जिन्होंने इस पुरस्कृत परियोजना की रूपरेखा तैयार करने और इसे क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पुरस्कार इस्पात उद्योग के अपशिष्ट पदार्थ, विशेषकर स्टील स्लैग से पर्यावरण अनुकूल पेवर ब्लॉक और टाइल्स निर्माण पहल के लिए प्रदान किया गया।
इस परियोजना के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र, भारत का पहली ऐसी इकाई बन गयी है, जिसने इस्पात निर्माण प्रक्रिया से उत्पन्न स्टील स्लैग का 100 प्रतिशत उपयोग करते हुए पेवर ब्लॉक और टाइल्स का व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ किया है, जो कि सतत अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधनों के इष्टतम उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ये इको-इनोवेटिव उत्पाद न केवल चक्रीय अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकोनोमी) की अवधारणा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि मजबूती, गुणवत्ता और मूल्य के मामले में बाजार में उपलब्ध अन्य विकल्पों के समकक्ष हैं।
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