
दुर्ग। शनिवार को सुरक्षाबलों सुकमा-दंतेवाड़ा द्वारा 17 नक्सलियों को मार गिराए जाने को शानदार उपलब्धि बताते हुए दुर्ग जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये ने कहा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई अब अंतिम दौर में आ गई है।
16 महीने पहले विष्णु देव साय की सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश में नक्सलवादियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। प्रदेश में विष्णु देव सरकार के बनने के बाद अब तक 16 महीने में 350 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं, इनमें से 142 नक्सली तो विगत तीन महीने में वर्ष 2024 में ही हुई मुठभेड़ में मारे गए हैं, इसमें कई इनामी नक्सली भी थे।
शनिवार को सुरक्षाबलों द्वारा सुकमा -दंतेवाड़ा में बड़ी कार्रवाई करते हुए 17 नक्सलियों को मुठभेड़ में सफलतापूर्वक मार गिराए जाने पर जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये ने इस सफलता को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की वीरता और अदम्य साहस को नमन है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ भाजपा सरकार की लड़ाई मजबूती से जारी है। यह संघर्ष तब तक नहीं रुकेगी, जब तक प्रदेश पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता। जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के संपूर्ण खात्मे का संकल्प लगातार फलीभूत हो रहा है।
सुरक्षाबलों की यह सफलता इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रदेश का हर नागरिक भयमुक्त जीवन जिएगा। नक्सलवाद की अंतिम घड़ी आ चुकी है। जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये प्रदेश में सुरक्षाबलों की लगातार सफल कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो चुका है कि नक्सलवाद का अंत अब निकट है।
प्रदेश सरकार केवल नक्सली गतिविधियों को रोकने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्थायी शांति और विकास को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को सुरक्षित, भयमुक्त और समृद्ध जीवन देना भाजपा सरकार लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ में निर्णायक कार्रवाई का दौर जारी है।
सरकार और सुरक्षाबल मिलकर निर्णायक युद्ध लड़ रहे हैं। यह केवल एक सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि एक नई, शांतिपूर्ण और विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला रखने की मुहिम है। यह निर्णायक युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक छत्तीसगढ़ पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता।
सुरक्षाबलों की यह वीरता प्रदेश को नक्सलवाद के अंधकार से निकालकर स्थायी शांति और विकास के पथ पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी। नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की अंतिम लड़ाई जारी है। लाल आतंकियों के सामने अब दो ही विकल्प रह गए हैं। या तो वे पुलिस के सामने सरेंडर करें या फिर एनकाउंटर में मारे जाए।
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