
दुर्ग / बालोद/बेमेतरा – विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा जारी विद्युत(उपभोक्ताओं के अधिकार) नियमन 2020, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के द्वारा जारी मीटरिंग कोड एवं छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाये गये नियमों के पालन में प्रदेश के सभी निम्नदाब उपभोक्ताओं(कृषि पंपों को छोड़कर) के यहां पुराने मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदला जा रहा है।
यह कार्य भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त निर्देशों पर आरडीएसएस योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। जिसके परिपालन में दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा जिले में 02 लाख 39 हजार 322 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर लगने के साथ ही उपभोक्ताओं को मोर बिजली एप के माध्यम से हर आधे घंटे की खपत का रिकार्ड मिलने लगा है।
उल्लेखनीय है कि जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, वहां पर बिलिंग और रीडिंग सहीं समय पर हो रही है। दुर्ग क्षेत्र के अंतर्गत विभागीय संभाग भिलाई पश्चिम शहर में 23988, भिलाई पूर्व संभाग में 18418, दुर्ग शहर संभाग में 24142, बालोद संभाग में 24383, दुर्ग संभाग में 34005, बेमेतरा संभाग में 26368, साजा संभाग में 20782, अहिवारा संभाग में 30745 एवं पाटन संभाग में 36491 निम्नदाब उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं।
कंपनी ने कहा है कि स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी एवं सटीक बिलिंग और ऊर्जा दक्षता में सुधार होगा। स्मार्ट मीटर लगाने का काम समय सीमा में पूर्ण करने के लिए कंपनी की टीमें लगातार कार्य में जुटी हुई हैं। कंपनी ने स्मार्ट मीटर के फायदे बताते हुए कहा है कि स्मार्ट मीटर से रियल टाइम डेटा प्राप्त किया जा सकता है।
जिससे उपभोक्ताओं को सटीक और समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं की बिलिंग एवं रीडिंग संबंधी शिकायत दूर हो रही है और उपभोक्ता संतुष्ट हैं। पावर कंपनी ने बताया कि ऊर्जा खपत की गणना की दृष्टि से दोनों मीटर एक ही है। परंतु स्मार्ट मीटर की खासियत यह है कि यह पारदर्शिता के साथ सूचना आदान-प्रदान करने की क्षमता रखता है।
जिससे आपके बिजली बिल खपत की सारी जानकारी आपको मोबाईल फोन पर मोर बिजली एप के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी।
पॉवर कंपनी ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई भी शुल्क नहीं लिया जा रहा है। दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जीनस कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
जिनके कर्मचारी यूनिफार्म एवं विद्युत विभाग के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित आईकार्ड के साथ कार्यालयीन समय में मीटर लगाने का कार्य करते हैं। किसी भी उपभोक्ताओं को इन कर्मचारियों से कोई भी शिकायत हो तो संबंधित जोन या वितरण केंद्र के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
दुर्ग रीजन के मुख्य अभियंता संजय खंडेलवाल ने बताया कि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा जारी विद्युत(उपभोक्ताओं के अधिकार) नियमन 2020 के तहत कंेद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लिए गये निर्णय के तारतम्य में चरणबद्ध तरीके से पुराने इलेक्ट्रिकल मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलना है।
अतः सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य है। मुख्य अभियंता ने बताया कि मीटर बदलने के कारण अधिक बिल आने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नई तकनीकों के माध्यम से आप अपने बैंक अकाउंट का संचालन घर बैठे ही मोबाईल फोन के माध्यम से कर सकते हैं, इसके लिए आपको बैंक जाने की जरुरत नहीं पड़ती।
ठीक उसी प्रकार अब उपभोक्ता अपने विद्युत मीटर का संचालन, खपत एवं बीलिंग की सटीक एवं सहीं जानकारी की सुविधा मोबाईल पर ही प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीएसपीडीसीएल अपने सभी उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य त्वरित गति से कर रही है। मुख्य अभियंता ने कहा कि उपभोक्ता भी सहयोग कर रहे हैं एवं स्मार्ट मीटर से संतुष्ट हैं।
स्मार्ट मीटर से होने वाले फायदे
ऽ बिलिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त। सहीं रीडिंग एवं सहीं बिलिंग। बिजली कार्यालयों के बार-बार चक्कर काटने से छूटकारा।
ऽ स्मार्ट मीटर में सूचना की पारदर्शिता।
ऽ उपभोक्ता को खपत का पूरा विवरण। हर 30 मिनट की खपत की जानकारी फोन पर जिससे विद्युत का किफायती से उपयोग किया जा सकेगा।
ऽ उपभोक्ता के वोल्टेज एवं आपूर्ति बाधित होने की पूर्व सूचना मोर बिजली एप द्वारा दी जाएगी।
ऽ भविष्य में सोलर रुफटॉप कनेक्शन लेने पर नये मीटर मॉडेम खरीदने की आवश्यकता नहीं।
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