
दुर्ग / समर्पित संस्था द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यक्रम के तृतीय चरण के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज शैलदेवी महाविद्यालय ग्राम-अण्डा जिला-दुर्ग में किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों एवं उनके हितार्थ वित्तीय योजनाओं के प्रति जागरुक करना था एवं कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागियों के माध्यम से समुदाय के बीच इसका व्यापक प्रचार प्रसार करवाना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जिला एलडीएम प्रकाश राव और सुबरत साहू (प्रबंधक) एवं एफएलसी लेखराम ध्रुव एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सह प्रध्यापक एमएसडब्ल्यू से ढाल सिंह साहू उपस्थित थे। कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए प्रकाश राव ने कहा कि समाज की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है कि वो बचत को प्रोत्साहित करें, क्योंकि बचत के द्वारा ही हम अपने भविष्य को सुरक्षित व संरक्षित कर सकते हैं।
उन्होंनें कहा कि हमें अपनी बचत राशि को बैंक में ही जमा करवानी चाहिये, जिससे कि हमारा धन सुरक्षित तो रहेगा ही साथ ही हम बैंक की ब्याज, ऋण, बीमा, आदि योजनाओं का भी लाभ उठा सकतें हैं। प्रकाश राव ने उपस्थित महिला प्रतिभागियों के उत्साह को देखकर कहा कि समर्पित संस्था द्वारा इस कार्यशाला में महिलाओं को आमंत्रित करना।
इस बात का परिचायक है कि वित्तीय प्रबंधन में महिलायें पुरुषों की तुलना में ज्यादा सजग है।समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य व औचित्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जमाकर्ताओं को यदि बैंक से किसी भी तरह की कोई शिकायत है या उसे ऐसा लगता है कि संबंधित बैंक उसके अधिकारों का हनन कर रहा है तो उसे तत्काल बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिये।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर हितेश मिश्रा व संतोषी बघेल ने लेक्चरर, प्रोजेक्टर, समूह चर्चा, शंका समाधान आदि माध्यमों से उपस्थित प्रतिभागियों को बैंक खाता खुलवाने, उसका संचालन, बचत योजना, वित्त का प्रबंधन, के.वाय.सी. प्रक्रिया, बैंक ऋण, ऋण संबंधित उपभोक्ताओं के अधिकार,
जमाकर्ताओं के अधिकार, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियों, नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आदि की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यशाला को सफल बनाने में संस्था के समन्वयक पी.एल.खैरवार, निमेष साहू, ज्योति सिंह, छत्रपाल लिल्हारे, रामशरण सेन, निकिता देवांगन, शैलेन्द्र टंडन आदि का सराहनीय योगदान रहा। उक्त जानकारी संस्था के समन्वयक पी.एल.खैरवार ने दी।
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