छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

स्वाईन फ्लू के संबंध में दिशा-निर्देश जारी….

संक्रमण से बचने के लिए अपनाएं सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य सावधानियां

दुर्ग / कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग डॉ. मनोज दानी ने जिले में मौसमी बीमारियों जैसे उल्टी, दस्त, पीलिया, डेन्गु, मलेरिया, स्वाइन फ्लु आदि के धनात्मक प्रकरणों में वृद्धि देखते हुए समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं को भारत सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देश का पालन करने हेतु निर्देशित किया है। मौसमी बीमारियों की बचाव, उपचार व रोकथाम हेतु समुदाय में लोगों द्वारा स्वाईन फ्लू संक्रमण से ऐहतियात बरतने जिले के समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है जिससे संक्रमण का फैलाव कम किया जा सके।

स्वाईन फ्लू – स्वाईन फ्लू श्वसन-तंत्र संक्रमण है जो मनुष्यों में इनफ्लुएंजा-ए वायरस के कारण होता है। सामन्यतः इसकी अवधि 1 से 2 दिन की होती है। संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति के लक्षण प्रारंभ होने के 3 से 5 दिवस तक अन्य व्यक्ति को हो सकता है एवं इसका प्रसार सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

इसमें सामान्य लक्षण सर्दी, खांसी, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द, थकावट और कभी दस्त एवं उल्टी भी होते है। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों जैसे गर्भवती महिला, 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध एवं किसी अन्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों में इस संक्रमण की जटिताऐं होने की सम्भावना होती है।

संक्रमण का प्रसार – संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति में लक्षण प्रारंभ होने के 3-5 दिवस तक अन्य व्यक्तियों में हो सकता है। संक्रमण का प्रसार सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने (छोटी बूंद का संक्रमण) के माध्यम से होता है।

स्वाईन फ्लु के संक्रमण को रोकने के लिए सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य सावधानियां-

खॉंसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टीसु से ढक लें। रूमाल को किटाणुरहित करे और उपयोग किये गये टीसु को सही तरीके से नष्ट करें। अपने हाथों को बार-बार साबुन या पानी से धोएं या एल्कोहल आधारित सेनिटाईजर का उपयोग करें। अपनी आंखों नाक या मुंह को छुने से बचें।

एच1एन1 से पीड़ित व्यक्तियों से एक हाथ की दूरी बनाये रखें। पर्याप्त आराम करें, भरपुर नींद लें पानी पिये और पौष्टिक भोजन करे। लक्षणयुक्त होने पर नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं से सम्पर्क करें। होम आईसोलेशन के दौरान मरीज को अपने स्वास्थ्य की सतत निगरानी करते रहना चाहिए तथा आवश्यकतानुसार तत्काल नजदीकी अस्पताल में उपचार लेना चाहिए।

क्या ना करें –

अभिवादन के लिए हाथ ना मिलाएं व ना गले मिले। चिकित्सक के सलाह बिना दवाई न लें।v

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