Hepatitis A से 12 लोगों की मौत के बाद केरल के 4 जिले अलर्ट मोड पर, ये गलती की तो आप भी हो सकते हैं शिकार…
हेपेटाइटिस एक ऐसा रोग है जो लीवर को प्रभावित करता है. यह कई तरह के वायरस के कारण हो सकता है, जिनमें हेपेटाइटिस A, B, C, D और E सबसे आम हैं. हाल ही में हेपेटाइटिस ए के मामले केरल में बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं. बता दें पिछले चार महीनों में 12 मौत और 1977 इंफेक्शन के केस को देखते हुए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने चार जिलों-कोझिकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम के लिए अलर्ट जारी किया है, जहां से सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. हेपेटाइटिस ए क्या है? हेपेटाइटिस ए एक वायरल इंफेक्शन है जो आपके लीवर को प्रभावित करता है. यह लीवर में सूजन (हेपेटाइटिस) और हल्की से गंभीर बीमारी के लक्षणों का कारण बनता है. यह इंफेक्शन दो महीने तक रह सकता है. हालांकि हेपेटाइटिस ए अन्य हेपेटाइटिस वायरस की तरह क्रोनिक लीवर डिजीज या परमानेंट लीवर डैमेज का कारण नहीं बनता है.
हेपेटाइटिस ए का संक्रमण कितना आम है?
दुनिया भर में, हेपेटाइटिस ए बहुत आम है. खासतौर पर उन जगहों पर जहां स्वच्छता खराब है, भोजन और पानी दूषित होते हैं. यह इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी बहुत आसानी से पहुंचता है, जिसके कारण इसके मामले बहुत तेजी से बढ़ते हैं.
हेपेटाइटिस के लक्षण
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार,हर किसी में हेपेटाइटिस के लक्षण समान नहीं होते. कभी-कभी तो शुरुआती दौर में कोई लक्षण भी नजर नहीं आते. लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
- थकान
- कमजोरी
- भूख कम लगनाक्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार,
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- मतली और उल्टी
- बुखार
- पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला पड़ना)
- जॉइंट पैन
- त्वचा में खुजली
हेपेटाइटिस ए का इलाज
आराम करने और अपनी देखभाल करने के अलावा हेपेटाइटिस ए संक्रमण का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपको सलाह देते हैं कि- हाइड्रेटेड रहें, बिस्तर पर रहें जब तक कि आपका बुखार और पीलिया कम न हो जाए, ऐसे पदार्थों से बचें जो आपके लीवर पर दबाव डालते हैं, डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं.
किन लोगों को है हेपेटाइटिस A का ज्यादा रिस्क
जब आपका स्थानीय समुदाय अधिक व्यापक रूप से संक्रमित होता है तो आपको संक्रमण का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले, संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क करने वाले और एचआईवी के मरीजों में हेपेटाइटिस ए का खतरा ज्यादा होता है.
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