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इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स की भिलाई शाखा द्वारा सड़क निर्माण तकनीकी व्याख्यान का किया गया आयोजन….

भिलाई / इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स की भिलाई शाखा द्वारा दिनांक 20.02.2024, मंगलवार को सड़क निर्माण तकनीक एवं सुरक्षा पहलुओं पर एक तकनीकी व्याख्यान का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डी0के0प्रधान, पूर्व प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग छ0ग0 शासन, विशिष्ट अतिथि अनुराग उपाध्याय मुख्य महाप्रबंधक , परियोजना भिलाई इस्पात संयंत्र थे। विशिष्ट अतिथि वक्ता के रूप में सतीश ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक यातायात दुर्ग एवं प्रदीप गुप्ता, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग/परियोजना प्रबंधक ए0डी0बी0 प्रोजेक्ट उपस्थित थे।

तकनीकी व्याख्यान के विषय एवं महत्व को प्रतिपादित करते हुए इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स ;इंस्ियाद्ध की भिलाई शाखा के अध्यक्ष पुनीत चैबे ने बताया कि भारत में सड़कों से जुड़ी दुर्घटनाओं की वजह से मृत्यु/अपंगता की दर सर्वाधिक है तथा यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। श्री चैबे ने कहा कि सड़क निर्माण एवं सड़क इस्तेमाल से जुड़े मु्द्दों पर चिन्तन एवं विचार विर्मश हेतु यह आयोजन किया गया है। उन्होंने उपस्थित विशेषज्ञों एवं अभियंताओं से आग्रह किया कि पुराने भवनों के मलबे को सड़क निर्माण में कैसे उपयोग किया जा सकता है, उस पर अपने विचार रखें।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डी0के0प्रधान पूर्व प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग छ0ग0 शासन ने अपने उद्बोधन में कहा की वर्तमान में सड़कों के निर्माण एवं गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। आधुनिक निर्माण पद्धति से बहुत अच्छी सड़के बन रही है जिससे यातायात की गति में बढ़ोत्तरी हुई है। परंतु इसके दूसरे पहलू को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन न करने की वजह से सड़क पर चलना असुरक्षित हो गया है। श्री प्रधान ने कहा कि यातायात नियमों का पालन और जनता में सड़क नियमों के प्रति जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में त्रुटि होने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने उपस्थित अभियंताओं से आह्वान किया कि सड़कों की योजना एवं डिजाईन बनाते समय सभी मानकों का अनिवार्य रूप से पालन करें।

अनुराग उपाध्यायए मुख्य महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र ने कहा कि सड़कों के मूल डिजाईन एवं एलाइन्मेंट तय करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिये क्योंकि सड़कों के गड्ढेे तो सुधारे जा सकते हैं किन्तु यदि मूल डिजाइन एवं संरचना में त्रुटि हो कई तो उसे सुधारना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने उपस्थित अभियंताओं एवं विशेषज्ञों से कहा कि सड़कों की योजना एवं डी0पी0आर बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें। श्री उपाध्याय ने सड़क निर्माण एजेंसी एवं यातायात अनुपालन अधिकारियों के बीच समन्वय पर जोर देते हुये कहा कि जन जागरूकताए सड़क के नियमों के पालन एवं त्रुटि रहित सड़क निर्माण से ही हम यातायात दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। सभा में उपस्थित विशिष्ट अतिथि वक्ता सतीश ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक यातायात दुर्ग ने नेशनल हाईवे 53 जो कि दुर्ग एवं रायपुर को जोड़ता है, के निर्माण प्रक्रिया एवं उस दौरान यातायात संचालन में आयी दिक्कतों को साझा किया।

उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में सिर्फ दुर्ग जिले में यातायात दुर्घटना में 314 मौत रिपोर्ट हुयी है। उन्होंने एक सड़क दुर्घटना में सात मेडिकल छात्रों के दुखद निधन की घटना को साझा करते हुए कहा कि उन बच्चों के माता-पिता ने घटना के बाद अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि हमने अपने बच्चों को सभी प्रकार कि शिक्षा मुहैय्या करवायी पर यातायात जागरूकता एवं सड़क नियमों के प्रति शिक्षा नहीं दे पाये। उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस द्वारा जन-जागरूकता हेतु विभिन्न स्कूल-काॅलेज एवं सभी संस्थाओं में जाकर यातायात नियमों एवं सड़क इस्तेमाल के कायदों के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा अभियान चलाकर यातायात नियमों को तोड़ने वालों को दण्डित किया जाता है।

विशिष्ट अतिथि वक्ता प्रदीप गुप्ताए अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग ने अपने तकनीकी प्रस्तुतीकरण में सड़क बनाने की योजनाए डिजाइन एवं निर्माण प्रक्रिया को क्रमवार समझाया द्य श्री गुप्ता ने सड़क के क्रास सेक्शन में आधार से लेकर सतह तक विभिन्न परतों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने सड़क डिजाईन एवं निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले सड़क परिवहन मंत्रालयए भारतीय सड़क कंाग्रेस के कोि एवं विभिन्न अंर्तराष्ट्रीय मानकों में उपलब्ध प्रावधानों के बारे में जानकारी साझा दी।

प्रदीप गुप्ता ने रोड़ निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली नवीनतम तकनीक एवं उससे होने वाले लाभ की जानकारी दी। उन्होंने बेमेतरा में बांस से निर्मित हो रहे क्रैश बैरियर जो कि जान-माल की सुरक्षा हेतु अधिक कारगार है, के बारे में समझाया। कार्यक्रम में थवामी व स्ववेकानंत तकनवकव स्ववविस्वयालालय के निदेशक प्रदीप घोष दुर्ग पाॅलिटेक्निक के प्रोफेसर साजी चाकोए इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स की भिलाई शाखा के पूवव अध्यक्ष श्रव प्रतवप स्तवारवए श्रव बव पव यातवए श्रव स्िखर स्तवारवए पूवव मानसेवी सचिव िॉ नागेन्द्र स्िपाएवए भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ अधिकारीगणए इंस्ियन स्बल्डिग कांग्रेस कव तुगव िाखा के अध्यक्ष श्रव राजेि ताम्रकारए दुर्ग-भिलाई के सम्मानित अभियंतागण, विभिन्न इंजीनियरिंग काॅलेज के व्याख्याता एवं छात्र-छात्रा काफी संख्या में उपस्थित थे।

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