दुर्ग / देश के विभिन्न राज्य के मनरेगा सहित जनपद से जुड़े प्रशिक्षण ले रहे अधिकारियों का एक टीम आज दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक का अध्ययन यात्रा किया। मनरेगा से जुड़े अधिकारियों की इस टीम में छह राज्यों के अधिकारी शामिल थे, जो कि अभी प्रशिक्षु के रूप में सेवा दे रहे हैं। यात्रा के दौरान ग्राम पतोरा में वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट को नजदीकी से देखा और परखा। साथ ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
टीम के सभी सदस्य सबसे पहले पाटन ब्लॉक के ग्राम छाटा पहुंची। ग्राम छाटा में बरसात के पानी को सहेज कर किस तरह से किसान अपनी खेती में इस पानी का उपयोग कर रहे हैं, की जानकारी दी गई। मनरेगा के तहत नाला बंधान, स्टाप डेम का कार्य को दिखाया गया। मनरेगा के परियोजना अधिकारी ब्लाक कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती डालींम लता एवं आर.ई.एस. के एसडीओ आर.एस.गौर ने पूरी टीम को विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने तकनीकी जानकारी के साथ-साथ फील्ड में किए जाने वाले कामों के साथ ही साथ किस तरह से किसानों को इससे फायदा हुआ है इसकी भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इससे करीब 265 एकड़ की सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है और पानी का स्रोत भी बड़ा है। इसके बाद ग्राम पतोरा में पहुंचकर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य को देखा। यहां के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को केंद्र सरकार के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में पाटन ब्लॉक के अधिकारी एवं मनरेगा से जुड़े कर्मचारी मौजूद रहे। इस यात्रा में पूरे भारत के अनेक राज्य जिसमें मिजोरम, उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षु अधिकारी शामिल थे।
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