रायपुर / प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) योजना अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को समयसीमा में पूरा करने के संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के उपमहानिदेशक बिस्वजीत दास और आदिम जाति विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी की अध्यक्षता में प्रदेश के संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए उपमहानिदेशक जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार बिस्वजीत दास ने कहा कि पीएम जनमन योजना विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के संर्वागीण विकास की दिशा में केन्द्र सरकार की एक महती योजना है। योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए सभी नोडल विभागों को एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, तभी योजना के लक्ष्यों को पूर्णता से प्राप्त किया जाना संभव होगा। इसके लिए प्रत्येक पीवीटीजी बसाहट का पूर्णता से सर्वे किया जाना आवश्यक है, ताकि उस क्षेत्र विशेष में संबंधित सुविधाओं को पहुंचाया जा सके।
आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने सभी नोडल अधिकारियों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने के लिए समय-सीमा में काम करने पर जोर दिया। इस योजना के अंतर्गत आज नोडल अधिकारियों के साथ यह पहली बैठक थी। उल्लेखनीय है कि योजना के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 15 जनवरी को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई है। उन्होंने बैठक में उपस्थित नोडल अधिकारियों द्वारा उनके विभाग द्वारा अब तक इस संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी दी गई। श्रीमती आबिदी ने योजना के बेहतर प्रचार-प्रसार हेतु पीवीटीजी क्षेत्रों में स्थानीय बोली में प्रचार सामग्री वितरण पर जोर दिया।
उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाना है। इन गतिविधियों में पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल-समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास शामिल हैं। इस योजना का मुख्य लक्ष्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का संपूर्ण विकास करना है। इन सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन मिशन मोड में तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को आवश्यकतानुसार अधोसरंचनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाना है।
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