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मंत्रिमंडल विस्‍तार पर छत्तीसगढ़ सीएम साय का बड़ा बयान, कही यह बात….

भिलाई। छत्तीसगढ़ के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल को भाजपा आलाकमान की मंजूरी मिल गई है। रविवार को दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ दिल्ली गए सीएम विष्णुदेव साय सोमवार सुबह रायपुर लौट आए। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने जल्द ही नए मंत्रिमंडल का गठन करने की बात कही। मंत्रिमंडल में नए और पुराने चेहरों का समावेश होगा। कुल 10 मंत्रियों के नामों को हरी झंडी मिलने की खबर है। इससे पहले मंत्रियों का शपथ ग्रहण टाल दिया गया था, क्योंकि पार्टी आलाकमान ने कुछ नामों को भावी रणनीति के हिसाब से सटीक नहीं पाया था। सीएम विष्णुदेव साय मंत्री पद के दावेदारों की पूरी सूची लेकर दिल्ली गए थे। उनके मुताबिक, वरिष्ठ नेताओं से हुई चर्चा के बाद जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन कर लिया जाएगा। इधर, नई सरकार ने कल 19 दिसम्बर से विधानसभा का तीन दिवसीय संक्षिप्त शीतकालीन सत्र बुलाया है। सत्र के प्रारम्भ में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा।

नवनिर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के नाम तय होने के बाद अब मंत्रियों के नाम भी फायनल हो गए हैं। सीएम विष्णुदेव साय दिल्ली से बंद लिफाफे में नए मंत्रियों के नाम लेकर लौट आए हैं। इसके बाद एक बार फिर कयास लगना शुरू हो गए हैं। सर्वाधिक चर्चाएं इस बात को लेकर है कि किन-किन नए चेहरों को मौका मिलने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान पूरी कवायद आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कर रहा है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो साय के मंत्रिमंडल में इस बार चौकाने वाले नाम हो सकते हैं। पार्टी जातिगत समीकरण को साधते हुए मंत्रिमंडल को विस्तार दे सकती है। इसमें जिस तरह नए चेहरे के रूप में विजय शर्मा को पहली बार विधायक बनते ही उप मुख्यमंत्री बनाया गया है, उसी तरह मंत्री भी बनाए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी हर वर्ग को साधना चाहेगी। मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग से, उप मुख्यमंत्री ओबीसी और सामान्य वर्ग से बनाने के बाद मंत्रियों में भी इसी तरह जातिगत समीकरण देखने को मिल सकता है। इसमें नए चेहरे चौका सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के मंत्रिमंडल में कौन-कौन 10 विधायक मंत्री बनाए जाएंगे, यह जल्द ही सार्वजनिक हो जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें सीएम साय समेत उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव व विजय शर्मा ने रविवार को दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात की। इन नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल व अन्य के साथ बैठक में मंत्रिमंडल को लेकर मंथन करने के बाद नाम तय किए। गौरतलब है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री ही हो सकते हैं। अब तक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री समेत तीन नियुक्त हो चुके हैं। बाकी 10 को मंत्री बनाना है।

जिन नामों की एक बार फिर से चर्चा है उनमें ओबीसी वर्ग से विधायक व पूर्व आइएएस ओपी चौधरी, अनुसूचित जाति वर्ग से गुरु खुशवंत साहेब शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश में महिला विधायकों में रेणुका सिंह, गोमती साय और लता उसेंडी में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। मंत्री बनाने के लिए छह पुराने चेहरे पर भी चर्चा है। इनमें वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल में से तीन से चार ही मंत्री बनाए जाएंगे। वहीं, बस्तर संभाग से केदार कश्यप, लता उसेंडी और विक्रम उसेंडी तीन दावेदार हैं। इसके अलावा नए चेहरे में किरणदेव और पूर्व आइएएस व विधायक नीलकंठ टेकाम भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।

प्रोटेम स्पीकर कल दिलाएंगे विधायकों को शपथ

छठी विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह कल 19 दिसम्बर को होगा। प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम सुबह 11 बजे से शपथ दिलाने की शुरुआत करेंगे। विधायक अपनी सुविधा के अनुसार शपथ या प्रतिज्ञा ले सकते हैं। नवनिर्वाचित विधायकों को सुविधा दी गई है कि वे छत्तीसगढ़ी, संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में भी शपथ ले सकते हैं। विधानसभा सत्र के पहले दिन सबसे पहले सदन के नेता यानी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शपथ दिलाई जाएगी।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत शपथ लेंगे। इसके बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इसी दिन विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव भी होगा। विधानसभा सत्र के अगले दिन 20 दिसंबर बुधवार को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इस दौरान राज्यपाल सरकार की प्राथमिकता पर अपनी बात रखेंगे। इसके बाद 21 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। शासकीय काम किए जाएंगे। इस सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पर भी चर्चा हो सकती है। संकेत मिले है कि नई सरकार 5 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट ला सकती है।

विधानसभाध्यक्ष के लिए डॉ. रमन निर्विरोध

छत्तीसगढ़ की परंपरा को कायम रखते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए आए नाम का समर्थन किया। भाजपा ने डॉ. रमन सिंह का नाम सदन के अध्यक्ष के लिए तय किया था। उनका निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। इससे पहले रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन जमा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव व विजय शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल और धरमलाल कौशिक के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत भी मौजूद थे। इस दौरान डॉ. सिंह ने कहा, मैं पक्ष और विपक्ष दोनों को धन्यवाद देता हूं।

हम नई जिम्मेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे इस पवित्र सदन और पूरे छत्तीसगढ़ के 90 विधायकों के संरक्षण का दायित्व मिलने जा रहा है। इधर, विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन सौंपने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे इस त्यागपत्र में लिखा है कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद का निर्वहन कर रहा हूं, किंतु पार्टी द्वारा मुझे छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया है। अत: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से मेरा त्यागपत्र स्वीकार किया जाए।

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