छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

विधायक देवेंद्र का फर्जी MMS वीडियो वायरल: MLA ने बताई सच्चाई, भावुक होते हुए बोले – मेरे व्यक्तिगत जीवन की हत्या कर रहे भाजपाई

भिलाई। भाजपा के नेता मेरा सार्वजनिक जीवन ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत जीवन की भी हत्या कर रहे हैं। एक फर्जी वीडियो जारी करके मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। अगर भाजपा नेता चुनाव जीतना चाहते हैं तो वह आए चुनावी मैदान में और सीधे-सीधे चुनाव लड़े और सच्चाई से चुनाव जीते। लेकिन यह झूठे लोग हैं और शहर में झूठ फैला कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है। उक्त बातें भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव ने कही। देवेंद्र यादव ने रविवार को दोपहर 3:00 बजे अपने सेक्टर 5 स्थित निवास में प्रेस वार्ता ली। जहाँ मीडिया के सामने विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि चुनावी समय में भाजपा के नेता अब तक उनके ऊपर कई तरह के आरोप लगा रहे थे लेकिन अब वे भाजपा के नेता गंदगी फैलाने में जुटे हैं और एक फर्जी गंदी वीडियो बनाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

श्री यादव ने बताया कि इसकी सूचना उन्हें कुछ माह पहले ही मिली थी। तभी उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस प्रशासन से की थी। पुलिस ने मामले की जांच भी की है और पुलिस को यह भी पता चला है की सबसे पहले यह वीडियो हैदराबाद से जारी हुआ था। इसके बाद यहाँ जिस नम्बर से जारी कर प्रसारित किया गया वह नम्बर भी पुलिस के पास है, लेकिन वह नंबर अब लगातार बंद है। देवेंद्र यादव ने कहा कि भिलाई में कुछ भाजपा नेता उस फर्जी वीडियो को वायरल करके हमे बदनाम करने झूठ फैला रहे है, कि वह देवेंद्र यादव का वीडियो है। जबकि वह वीडियो उनका है ही नहीं। पुलिस में शिकायत के बाद उन्होंने फॉरेंसिक जांच भी करवाई है। जिसकी रिपोर्ट भी उन्होंने मीडिया को दी है।

विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा के नेता मेरे व्यक्तित्व एवं जीवन पर भी प्रहार कर रहे हैं। मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है लेकिन भिलाई की जनता काफी समझदार है वह उनके झूट, कपट, प्रोपेगेंडा वह झांसे में नही आने वाली है।भिलाईवासी बुद्धिजीवी है। देवेंद्र ने कहा कि मेरा भी परिवार है, माँ, बहन, बच्चे , पत्नी, भतीजे, भाई है। भिलाई में बहनों का प्यार और विशेष मुझ पर है, हजारों बहाने मुझे राखी बांधती है। वे सब जानते है, मेरा ईश्वर जनता है सच्चाई क्या है। मेरे साथ जिस तरह से भाजपा के नेताओं ने गलत व्यवहार किया है यह मानवीय दृष्टि से भी गलत है। मीडिया से बात करते-करते विधायक देवेंद्र यादव रो पड़े इसी दौरान पापा को रोते देख बंगले से उसका नन्हा सा कोमल अबोध बेटा पापा ( देवेंद्र) के पास आ खड़ा हुआ, शायद कि उनके पापा इतने लोगो के बीच क्या बोल रहे है क्यों रो रहे है? आश्चर्यचकित होकर कभी वह अपने पापा देवेंद्र का मुंह देखते तो कभी उपस्थित लोगो की भीड़ के चेहरों को।

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बच्चे को अपने सामने आते देख उन्हे घर जाने को कहा, मगर बच्चे ने अपने पापा देवेंद्र को रोता देख अपने पापा के पास ही खड़ा हो गया। बच्चे को अपने पास आ खड़े होने पर अपनी रूआंसी पर संभालते और लड़खड़ाते जुबान से उन्होंने रोते हुए कहा कि भाजपा के नेता को चुनाव जीतना है तो जीत जाए, जो करना है करे पर इस तरह की गंदी राजनीति न करें। वे चुनाव में आज नहीं मुझे हराने के लिए कई माह पहले ही उन्होंने यह घिनौना षड्यंत्र रचा था।

जिसकी असलियत जाहिर हो गई।बच्चे की मासूमियत, कोमलता अबोध बच्चे का आकर्षण और लगाव यह एक विधायक निवास में ही नही वरन संसार के सभी जीव, प्राणियों में देखा जा सकता है, अपने पिता को माता को परिवार को रोता हुए देखना बच्चे की मार्मिकता और उनके दर्द को समझना, इंसानियत ही समझ सके । येसि देश और जनसेवा भी क्या जो अबोध बालक अपने पिता को रोता हुए देख विस्मृत हो पिता के पास कारण जानने और ढाल बनने पहुंच जाए और उनके अबोध मन में पिता के रोने का कारण स्मृति चिन्ह बने।

बहरहाल अबोध बच्चे (देवेंद्र यादव के पुत्र) का अपने पापा को रोते देख पापा के सामने विस्मृत रूप से आ खड़ा होना, कभी अपने पापा को तो कभी भीड़ में खड़े लोगो को ( पत्रकारों ) देखना, उस अबोध बालक को क्या मालूम की उनके पापा देश सेवा, जन सेवा में लगे है, जिसे लोकतंत्र में चुनाव के माध्यम से मतदाताओं के बीच अपने कार्य का, अपने कर्म का, अपने उपलब्धियों की जानकारी अनुसार उन्हें मताधिकार प्राप्त होते है, और लोकतन्त्र में जनता के मत को बरगलाने का भी प्रयास होता है, जिसे शाम, दाम, दंड, भेद भी कहते है। उन सब से परे होकर जो चलने का प्रयास करे तो उन्हे नगण्य मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

उन अबोध बालक को क्या पता जनता अगर चुनाव में पार्टियों के फ्री का कोई सामान और योजना न लेवे, अंधभक्ति और आडम्बर का विरोध करे, रुपया, पैसा, जेवर, साड़ी और शराब लेना, बटना और बटाना बंद करवाए, धार्मिक जेहाद की भावनाओं से सरकार और जनप्रतिनिधी न चुने, सर्वहारा समाज को लेकर चलने वाले ईमानदार और स्वच्छ छवि के जनप्रतिनिधी एवं जनप्रशासन को चुनना चाहे तो ऐसी स्थिति ना आए। बहरहाल भिलाई की जनता बुद्धिजीवी है वह जानती है किसे वोट देना है या नही किस विधायक, मंत्री ने कितना विकास का काम किया। यह आने वाले मतदान के दिन मतपेटी में अपने मतों से भिलाईनगर के चहेते विकासपुरुष, विकासमित्र जनप्रतिनिधि के भाग्य को सौंप देगा। प्रेसवार्ता में देवेंद्र यादव ने अपनी बात, अपना दर्द, पत्रकारों से जाहिर तो जरूर कर दिया लेकिन पारखी नजरो ने मानवीय संवेदनाओ से परिपूर्ण भिलाई का भविष्य भी उस अबोध बालक देवेंद्र के पुत्र में देख लिया।

बच्चे की मासूमियत, कोमलता अबोध बच्चे का आकर्षण और लगाव यह एक विधायक निवास में ही नही वरन संसार के सभी जीव, प्राणियों में देखा जा सकता है, अपने पिता को माता को परिवार को रोता हुए देखना बच्चे की मार्मिकता और उनके दर्द को समझना, इंसानियत ही समझ सके । येसि देश और जनसेवा भी क्या जो अबोध बालक अपने पिता को रोता हुए देख विस्मृत हो पिता के पास कारण जानने और ढाल बनने पहुंच जाए और उनके अबोध मन में पिता के रोने का कारण स्मृति चिन्ह बने।

बहरहाल अबोध बच्चे (देवेंद्र यादव के पुत्र) का अपने पापा को रोते देख पापा के सामने विस्मृत रूप से आ खड़ा होना, कभी अपने पापा को तो कभी भीड़ में खड़े लोगो को ( पत्रकारों ) देखना, उस अबोध बालक को क्या मालूम की उनके पापा देश सेवा, जन सेवा में लगे है, जिसे लोकतंत्र में चुनाव के माध्यम से मतदाताओं के बीच अपने कार्य का, अपने कर्म का, अपने उपलब्धियों की जानकारी अनुसार उन्हें मताधिकार प्राप्त होते है, और लोकतन्त्र में जनता के मत को बरगलाने का भी प्रयास होता है, जिसे शाम, दाम, दंड, भेद भी कहते है।

उन सब से परे होकर जो चलने का प्रयास करे तो उन्हे नगण्य मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, उन अबोध बालक को क्या पता जनता अगर चुनाव में पार्टियों के फ्री का कोई सामान और योजना न लेवे, अंधभक्ति और आडम्बर का विरोध करे, रुपया, पैसा, जेवर, साड़ी और शराब लेना, बटना और बटाना बंद करवाए, धार्मिक जेहाद की भावनाओं से सरकार और जनप्रतिनिधी न चुने, सर्वहारा समाज को लेकर चलने वाले ईमानदार और स्वच्छ छवि के जनप्रतिनिधी एवं जनप्रशासन को चुनना चाहे तो ऐसी स्थिति ना आए।

बहरहाल भिलाई की जनता बुद्धिजीवी है वह जानती है किसे वोट देना है या नही किस विधायक, मंत्री ने कितना विकास का काम किया। यह आने वाले मतदान के दिन मतपेटी में अपने मतों से भिलाईनगर के चहेते विकासपुरुष, विकासमित्र जनप्रतिनिधि के भाग्य को सौंप देगा। प्रेसवार्ता में देवेंद्र यादव ने अपनी बात, अपना दर्द, पत्रकारों से जाहिर तो जरूर कर दिया लेकिन पारखी नजरो ने मानवीय संवेदनाओ से परिपूर्ण भिलाई का भविष्य भी उस अबोध बालक देवेंद्र के पुत्र में देख लिया।

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