छत्तीसगढ़

Ram Van Gaman Path रायपुर से चंदखुरी के लिए मुफ्त यात्रा का तोहफा

चंदखुरी में मुफ्त बस सुविधा दी जा रही है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

चंदखुरी में मुफ्त बस सुविधा दी जा रही है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Ram van Gaman Path: छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की ओर से क्रियान्वित की जा रही सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राम-वन-गमन परिपथ का औपचारिक उद्घाटन आज चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर में ही किया जाना है.

Ram Van Gaman Path. भगवान राम की माता कौशल्या के मंदिर दर्शन के लिए राजधानी रायपुर से बसों में मुफ्त सफर किया जा सकता है. नगर निगम रायपुर द्वारा चंदखुरी में माता कौशल्या के मंदिर दर्शन के लिए नवरात्र के पहले दिन सभी 70 वार्डों से बसों की व्यवस्था की गई है. इन बसों में सफर के लिए यात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. 70 वार्डों से दोपहर 1 बजे से बसों की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. नगर निगम ने प्राइवेट बस ऑपरेटर से शहरभर के लिए 80 बसें मांगी हैं. डीजल का खर्च, ड्राइवर का मेहनताना सहित अन्य तरह के खर्च का भुगतान खुद नगर निगम करेगा.

दरअसल छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड द्वारा क्रियान्वित की जा रही छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना राम-वन-गमन परिपथ का औपचारिक उद्घाटन 7 अक्टूबर को चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में ही किया जाना है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर तीन दिनों के कार्यक्रम की भव्य रूप-रेखा तैयार की गई है. इन तीन दिनों में राष्ट्रीय और अंत रराष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकार भी अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.

10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए राम ने

राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास परियोजना भगवान राम के वनवास काल की स्मृतियों और लोक-साक्ष्यों से जुड़ी है. मान्यता है कि भगवान राम ने 14 वर्षाें के वनवास-काल में से 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में ही बिताए थे. उन्होंने उत्तर छत्तीसगढ़ के बैकुण्ठपुर जिले से इस अंचल में प्रवेश किया था. प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर प्रवास करते हुए सुकमा जिले से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था. तत्कालीन समय में दण्डकारण्य के रूप में जाने वाले छत्तीसगढ़ में भगवान राम के वन गमन-पथ पर स्थित 75 स्थानों को चिह्नित किया गया है. इन स्थानों पर उन्होंने या तो प्रवास किए थे, या फिर ये उनके महत्वपूर्ण पड़ावों में शामिल थे. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सम्पूर्ण राम-वन-गमन परिपथ और भगवान राम से संबंधित स्थलों के विकास की योजना तैयार की गई है. पहले चरण में 75 में से 9 स्थलों का पर्यटन तीर्थ के रूप में विकास तथा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इनमें से चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर परिसर का कार्य पूर्ण हो चुका है.

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