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Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरेंसी में 641 फीसदी का उछाल

Cryptocurrency News: भारत में आभासी मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी का बाजार लगातार बढ़ता ही जा रहा है. चैनालिसिस (Chainalysis) की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बीते एक साल में 641 फीसदी तक बढ़ा है.

Chainalysis के अनुसार, भारत, वियतनाम और पाकिस्तान मध्य और दक्षिणी एशिया में क्रिप्टोकरेंसी बाजारों के विस्तार की अगुवाई कर रहे हैं.

बीते एक साल में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार भारत में 641 प्रतिशत तो पाकिस्तान में यह 711 प्रतिशत तक बढ़ा है.

cryptocurrency की रिपोर्ट में कहा गया है कि डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (डीएफआई- DeFi) प्लेटफॉर्म पर होने वाली गतिविधियों में भारत की हिस्सेदारी 59 फीसदी और पाकिस्तान की हिस्सेदारी 33 फीसदी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित उद्यमिता (entrepreneurship) और उद्यम पूंजी निवेश (venture capital investment) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के बड़े संस्थागत लेनदेन में से 42 फीसदी ट्रांजेक्शन भारत से हुए हैं. जबकि पाकिस्तान की यह हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और वियतनाम में 26 प्रतिशत तक की है.

पिछले एक साल में भारत के क्रिप्टो बाजार के लिए कई उतार-चढ़ाव आए हैं. इनमें क्रिप्टोकरेंसी के भारत में नियामन से जुड़े हैं. यह भी चर्चा है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर हो रहे निवेश को देखते हुए सरकार अब इस पर कई चरणों में टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है. बताया जा रहा है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कम से कम चार चरणों में अलग-अलग टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है.

सूत्रों की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी के निवेश, खर्च, माइनिंग और ट्रेडिंग पर अलग-अलग टैक्स लगाया जा सकता है. माइनिंग के जरिए क्रिप्टोकरेंसी को बनाया जाता है, जिसमें फीस के रूप में करेंसी का कुछ अंश माइनर को मिलता है.

टैक्स लगाने की तैयारी
क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई को पूंजीगत मुनाफे की श्रेणी में रखा जाएगा. सरकारी मुद्रा के एवज में क्रिप्टोकरेंसी को कितने समय तक होल्ड रखा गया है और कितना पैसा निवेश किया गया है. फिर बेचने पर हुए मुनाफे पर अलग टैक्स लगेगा. क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने से होने वाली आय को बिजनेस माना जाएगा. और इस पर जीएसटी लगाने की भी तैयारी चल रही है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे को आमदनी का जरिया माना जाएगा और इनकम टैक्स लगाया जाएगा.

 

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