छत्तीसगढ़रायपुर

आयोग ने आवेदिका को पति से दिलाया 9000 रू. प्रति माह भरण-पोषण…

रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ. अनिता रावटे, श्रीमती बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 202 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में आयोजित जनसुनवाई में कुल 28 प्रकरण में सुनवाई की गई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय दुर्ग में उसके और अनावेदकगण के बीच लिखा पढ़ी की जानकारी दिया गया था। जिसकी पुष्टि आयोग की अध्यक्ष ने फोन पर वर्तालाप करके किया, जिसकी जानकारी आवेदिका को दी गई और थाना प्रभारी के माध्यम से अनावेदकगणों को अगले सुनवाई में उपस्थित कराने का निर्देश दिया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पूर्व बहू के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदिका के बेटे से जिसका तलाक 2019 में हो चुका है परंतु अनावेदिका आज भी आवेदिका और उसके बेटे को परेशान कर रही है और धमकी देती है। आयोग ने अनावेदकगणों को पुलिस के माध्यम से अगले सुनवाई मे उपस्थित कराने का निर्देश दिया है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत किया था कि अनावेदक (पति) शराब पीकर परेशान करता है। आवेदिका के पति का 26 हजार रू. मासिक वेतन है और वह अपने पत्नी को बिल्कुल भी खर्च के लिए पैसे नही देता. बच्चों की परवरिश भी नही करता है। आयोग कि समझाईश पर अनावेदक ने शराब छोड़ने का इकरार किया तथा घर में खर्च देना भी कुबुल किया आयोग द्वारा बैंक मैनेजर से फोन पर बात कर आवेदिका को उसके पति से आधा वेतन दिलाये जाने की बात की गई जिस पर बैंक मैनेजर ने दोनों पति- पत्नी को बैंक में बुलाकर आगे की प्रक्रिया पूरा करने का आश्वासन दिया जिससे आवेदिका को उसके पति से आधा वेतन मिल सके। आयोग की काउंसलर द्वारा इस प्रकरण की दो माह तक निगरानी की जायेगी।

अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष का कांउसलिंग आयोग द्वारा किया गया। दोनो पक्षों ने अपनी-अपनी शर्ते रखी है। आयोग की वकील द्वारा एग्रीमेंट बनाया जायेगा। आयोग ने प्रकरण निगरानी मे रखा तथा समझाईश दिया गया कि दोनो पक्ष आपस में मिल-जुल कर रहे।अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य समझीता हुआ तथा दोनों पक्षों के बीच समझौतानाम स्टॉम्प में तैयार कराने व अनावेदक द्वारा आवेदिका को प्रति माह 9 हजार रू. दिलाने के लिए नियमित निगरानी का काम कौंसलर द्वारा किया जाएगा। आवेदिका की डिलिवरी का खर्च भी अनावेदक वहन करेगा।

अन्य प्रकरण मे जावेदिका अनावेदिका की मां है जो उसे 5 वर्ष की उम्र में उसके नाना नानी के पास छोड़कर दूसरा विवाह कर ली थी। अनावेदिका की परवरिश उसकी नाना-नानी ने किया। नाना की सम्पत्ति में जो हिस्सा था जिसमें आवेदिका ने आम मुक्तियारनामा बनाकर अनावेदिका को दिया था जिसके आधार पर जमीन का विक्रय हुआ जिसकी जांच कराने का आदेश आयोग ने दिया तथा निगरानी टीम का गठन किया जो अनावेदिका के नाना का बयान लेकर आयोग में प्रस्तुत करेंगे तत्पश्चात् आयोग आगे की सुनवाई करेगी।

अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज करायी है कि उसके पति ने उसे सात साल से छोड़ दिया है और उभय पक्ष की सात साल की बच्ची भी है आवेदिका ने बताया कि अनावेदक बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है जिससे 2 साल का बेटा है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बिना तलाक लिए दूसरा विवाह शून्य होता है और कानून सामाजिक विच्छेद को नहीं मानता। आयोग ने शेष अनावेदकगणों को थाना प्रभारी के माध्यम से उपस्थित कराने का निर्देश दिया।

संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे

https://jantakikalam.com

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button