छत्तीसगढ़

पंडवानी पुरोधा स्व.झाड़ू राम देवांगन को समर्पित पंडवानी समारोह व मेला सम्पन्न

छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय कथा गाथा विधा पंडवानी की वेदवती शैली के सर्जक स्वर्गीय झाडूराम देवांगन की जन्मभूमि स्थल गौरव ग्राम बासीन में छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तीन दिवसीय पंडवानी समारोह संपन्न हुआ । अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल के संयोजन व ग्राम वासियों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का तृतीय दिवस अत्यंत गौरवपूर्ण रहा। ग्राम के लीला चौरा में आयोजित समारोह की शुरुआत में संगीत की देवी सरस्वती और पंडवानी पुरोधा स्वर्गीय झाड़ू राम देवांगन के तैल चित्र पर आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष नवल शुक्ल ने माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ‌ ही पंडवानी लोक गाथा की शुरुआत में बलौदा बाजार क्षेत्र के सुप्रसिद्ध पंडवानी गायक अर्जुन सेन, पिरदा बेरला की शांति बाई चेलक, कबीरधाम जिले की प्रभा यादव, भिलाई दुर्ग की सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका उषा बारले के द्वारा पंडवानी की अलग-अलग शैलियों का गायन अभिनय के साथ किया गया।

कथा गायन करते हुए अर्जुन सेन ने छत्तीसगढ़ी भाषा के चुटीले संवादों, वाद्य पक्ष के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की धुनों द्वारा उपस्थित दर्शक-श्रोताओं को देर रात्रि तक बांधे रखा। वहीं प्रभा यादव ने शास्त्र सम्मत दोहों, चौपाइयों, लोकगीतों, काया खंडी भजनों को अपने गायन में समाहित करते हुए वेदमती शैली में पंडवानी गायन कर दर्शकों को भावविभोर किया और मानव शरीर की नश्वरता की ओर ध्यान आकर्षित किया। अंचल की वरिष्ठ और कापालिक शैली की चर्चित पंडवानी गायिका शांति बाई चेलक द्वारा भीष्म पितामह और अंबा देवी के संवाद को अभिनयपूर्वक प्रस्तुत करते हुए दर्शकों के बीच शास्त्र की बातों को लोक शैली में जीवंत दृश्य अंकित करने, समाज में पनपने वाली नवीन बुराइयों को पंडवानी गाथा की प्राचीन शैली के साथ ही भरथरी, आल्हा आदि की शैलियों को अपनाते हुए महाभारत के युद्ध, मानवीय मूल्यों में समाहित अनुशासन को रखने का प्रयास किया। उपस्थित दर्शकों से नारियों को समुचित सम्मान देने की अपील की।

इसी कड़ी में पंडवानी की चर्चित कलाकार उषा बारले कापालिक शैली में पंडवानी लोक गाथा प्रस्तुत करते हुए दर्शकों को देर रात्रि तक बांधने में सफल रहीं। अपनी छत्तीसगढ़ी भाषा व कथा गायन की उत्कृष्ट शैली द्वारा दर्शकों से सीधे संवाद करते हुए दर्शकों को भावविभोर किया। पंडवानी के सभी कलाकारों ने स्व.झाड़ू राम देवांगन की जन्मभूमि गौरव ग्राम बासीन में पंडवानी समारोह के आयोजन को एक तरह से गुरु सेवा के रुप में सराहना कीं। कार्यक्रम को संयोजित करने में अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल का सराहनीय पहल रही। अकादमी की ओर‌ सभी कलाकारों, ग्राम सरपंच प्रमोद कुमार साहू, उपसरपंच पोषण लाल सोनी, कुंज बिहारी देवांगन को शाल , श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।

समारोह का संचालन करने में आशुतोष कुमार साहू, स्वर्गीय देवांगन के सुपुत्र कुंज बिहारी देवांगन,नाती तुकेश्वर देवांगन, वरिष्ठ नागरिक नाथू राम बंछोर, बांस गीत के कलाकार बिसनाथ यादव, राम खिलावन कौशिक सहित अकादमी से संबद्ध शुभम यादव,ज्ञानदेव सिंह, ऋषभ व काशी बंछोर आदि ने सक्रिय सहयोग दिया। समारोह में स्वर्गीय देवांगन के परिजनों में सुपुत्री शांति बाई देवांगन,सुपुत्र कुंज बिहारी देवांगन,नाती तुकेश्वर देवांगन सहित दर्शकों में सुरेंद्र बंछोर, शिक्षक व संस्कृति कर्मी राम कुमार वर्मा, समाजसेवी राम अवतार ठाकुर, राम कुमार बंछोर , अंतर्राष्ट्रीय पंथी नर्तक इतवारी राम मधुकर सहित ग्राम के नागरिक , महिलाओं ने पूर्ण अनुशासन व स्वर्गीय झाड़ू राम देवांगन के प्रति विशेष आस्था को प्रदर्शित करते हुए देर रात्रि तक पंडवानी लोकगाथा की कथाओं का श्रवण करने उपस्थित रहे। पहली बार स्व. देवांगन की जन्म व कर्म स्थली गौरव ग्राम बासीन में पंडवानी मेले के आयोजन को कलाकारों, दर्शकों, ग्रामीणों ने खूब सराहना की व स्व. देवांगन के प्रति एक श्रद्धांजलि के रूप में इस पंडवानी मेला एवं समारोह के प्रति छत्तीसगढ़ लोक कला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल व अन्य सदस्यों, सहयोगियों की सराहना की।

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