नई दिल्ली. आरबीआई ने बुधवार को लगातार पांचवी बार रेपो रेट में वृद्धि कर दी. मई 2022 से चालू हुआ रेट हाइक का ये सिलसिला आज भी नहीं थमा. इसके पीछे का कारण साफ है कि आरबीआई अभी तक महंगाई को काबू कर पाने में नाकाम रहा है. यह बात केंद्रीय बैंक ने आधिकारिक रूप से स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी दी है.
आरबीआई ने इस बार नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी या 35 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की है. इसस पहले मई में 40 बेसिस पॉइंट और फिर 3 बार 50-50 बेसिस पॉइंट की वृद्धि हुई थी. कुल मिलाकर मई से अब तक आरबीआई रेपो रेट में 2.25 फीसदी का इजाफा कर चुका है.
अब सवाल उठता है कि आगे की रहा क्या होगी? आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा है केंद्रीय की पैनी निगाह महंगाई पर बनी हुई है. साथ ही आरबीआई ने महंगाई पर अपने रुख में कोई बदलाव भी नहीं किया है. आरबीआई के लिए अब भी सबसे बड़ा सिरदर्द महंगाई ही है जिसे नीचे लाने के लिए वह प्रयास जारी रखेगा.
विश्लेषकों को आज इतनी वृद्धि का अनुमान था. वे आरबीआई से चौंकाने वाले किसी घोषणा की अपेक्षा कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विश्लेषकों का माना है कि अभी रेपो रेट में और वृद्धि होगी और जल्द होगी. जानकारों के अनुसार, आरबीआई फरवरी में एक बार फिर ब्याज दरों में वृद्धि करेगा.
आरबीआई का आक्रामक रुख
केंद्रीय बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल की शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया हुआ है. खराब वैश्विक परिस्थितियों, साल की शुरुआत में कच्चे तेल के ऊंचे दाम और सप्लाई चेन में बाधाओं के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी.
इसे लेकर मई में आरबीआई के कान खड़े हुए और बैंक ने रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया. हालांकि, इस कैलेंडर ईयर में अब तक महंगाई 6 फीसदी से नीचे नहीं आ पाई है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही थी जो तीन माह का निचला स्तर था. आपको बता दें कि महंगाई का संतोषजनक दायरा आरबीआई ने 2-6 फीसदी तय किया है.
कब रुकेगी ब्याज वृद्धि
अक्टूबर के महंगाई आकंड़े थोड़े उत्साहजनक रहे थे. अगर महंगाई काबू में आ जाती है तो जाहिर है कि आरबीआई ब्याज दरों में वृद्धि को रोक देगा. अगर ऐसा नहीं भी होता है तो संभव है कि फरवरी में आरबीआई एक आखिरी बार रेपो रेट बढ़ाएगा और इसके बाद एक लंबे समय के लिए कोई दर वृद्धि नहीं होगी. जानकारों का मानना है कि फरवरी में रेपो रेट में वृद्धि निश्चित है. गौरतलब है कि आरबीआई अभी आर्थिक विकास दर को लेकर चिंतित नहीं है इसलिए वह ब्याज बढ़ाने से पीछे नहीं हटेगा.
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