छत्तीसगढ़

वितरण योजना से किसानों को हो रहा अतिरिक्त लाभ…

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है । इसी कड़ी में एक ऐसी योजना सरकार की ओर से शुरू की गई है, जिसका लाभ उठा कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते है ।

जी हां सरकार की ओर से कुक्कुट पालन यानि मुर्गी पालन के लिए सब्सिडी का लाभ दिया जाता है । इसके तहत किसान अपने खेत में पोल्टी फॉर्म खोलने के लिए भी बैंक से लोन ले सकते हैं । इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है । किसान खेती के साथ कुक्कुट पालन का काम भी कर सकते हैं ।

इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी जिससे उनकी आय में इजाफा होगा । हम यहां बैकयार्ड कुक्कुट, बत्तख या बटेर पालन योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी और पोल्ट्री पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि आप भी इसका लाभ उठा सकें ।

आपको बता दें कि किसानों के लिए कृषि के अलावा पशुपालन या कुक्कुट पालन अतिरिक्त आमदनी का एक बेहतर जरिया बन रहा है । किसान अपने घर या खेत पर खाली स्थान पर कुक्कुट पालन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं । कुक्कुट पालन के लिए राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर इससे अनुदान का लाभ प्रदान करती है ।

बता करें छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कुक्कुट पालन व्यवसाय के लिए अधिकतम 90 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने का प्रावधान बैकयार्ड कुक्कुट, बत्तख या बटेर पालन की योजना के अंतर्गत है। राज्य के पशुधन विकास विभाग द्वारा बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना संचालित की जा रही है । जिसमे कुक्कुट, बत्तख या बटेर के चूजे के लिए राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है।

इसके तहत सामान्य वर्ग के लिए लागत का 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 90 प्रतिशत कि सब्सिडी लाभार्थियों को दी जाती है। पशुधन विभाग ने 28 दिवसीय 45 कुक्कुट / बत्तख के चूजे अथवा 80 बटेर के चूजे के लिए 3,000 रुपए की लागत तय की है ।

जिसपर सामान्य वर्ग को 75 प्रतिशत यानि 2,250 रुपए और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए 90 प्रतिशत यानि 27,00 रुपए अनुदान के रूप दिए जाते हैं। दिए जाने वाले चूजों से 5 माह बाद औसतन 10 से 12 अंडे प्रतिदिन उत्पादित होते हैं, जो लगभग 10 रुपए प्रति नग के हिसाब से विक्रय किए जाते हैं।

इसी तरह 3 माह की उम्र में पक्षियों का औसत वजन लगभग दो से ढाई किलोग्राम का हो जाता है जो 700 से 800 रुपए किलो की दर से विक्रय किया जाता है। कुक्कुट पालन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप दुर्ग जिले के पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं । छत्तीसगढ़ शासन की इस महती योजना के बारे में पशुधन विकास विभाग के अधिकारी डॉ. एस. के. यादव ने योजना की विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह से दी |

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