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क्षतिग्रस्त सड़कों की तीन महीने में होनी है मरम्मत: अब सड़कों पर गड्‌ढे ढूंढेंगे निकाय और पीडब्ल्यूडी के 340 इंजीनियर…

रायपुर / प्रदेश की सड़कों के गड्‌ढे को दिसंबर तक पाटने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चेतावनी के बाद अब इन सड़कों को चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है। राज्य सरकार गांवों से लेकर शहर के गली मुहल्लों तक की खराब सड़कों की जानकारी जुटा रही है। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों के लिए अलग- अलग संयुक्त सर्वे टीम बनाई है। टीम में निकायों के इंजीनियर के साथ ही पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर शामिल रहेंगे।

इस टीम को खराब सड़कों का सर्वे करने के साथ ही इन सड़कों की मरम्मत पर आने वाले खर्च का आंकलन भी करना होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खराब सड़कों की मरम्मत के काम को अगले तीन महीने में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। इसे देखते हुए नगरीय प्रशासन ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर जिले के अंतर्गत आने वाले निकायों में बारिश के कारण खराब हुई सड़क की जानकारी देने के लिए कहा है।

प्रदेश में 170 निकायों में सर्वे करेगी टीम –

नगरीय प्रशासन द्वारा गठित संयुक्त दल 33 जिलों में खराब सड़कों की जानकारी जुटाएगी। इसके लिए हर निकाय में दो इंजीनियरों की टीम बनाई जा रही है। ऐसे में 170 निकायों में 340 इंजीनियरों की टीम सर्वे का काम पूरा करेगी। राज्य में 14 नगर निगम, 44 नगर पालिका और 112 नगर पंचायत हैं। सरकार की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले सभी सड़कें दुरुस्त हो जाएं।

कलेक्टर कांफ्रेंस में डेढ़ घंटे गड्‌ढों की चर्चा : रमन –

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार कलेक्टर कांफ्रेंस में सड़क निर्माण की चर्चा नहीं बल्कि डेढ़ घंटे तक सिर्फ गड्ढों पर चर्चा होती रही जबकि ये गड्ढे डेढ़ साल में भरने वाले नहीं है। पाटन विधानसभा में पूरे बस्तर और सरगुजा से भी ज्यादा खर्च किया जा रहा है। रमन सिंह ने कहा कि 1700 करोड़ पाटन में देंगे तो छत्तीसगढ़ तो पूछेगा ही कि हमारी सड़कों के गड्ढे क्यों नहीं भरे गए।

मशीनों की मदद से गड्‌ढों को भरने की कवायद –

गड्ढों को भरने मशीनों के उपयोग की भी कवायद हो रही है। राजधानी में पहले ही काम शुरू हो चुका है। प्रदेश के सभी निगमों, पालिकाओं और पंचायतों में इस तरह के मशीन को उपयोग में लाने पर विचार किया जा रहा है। मशीनों से गड्‌ढों को भरने की रफ्तार बहुत धीमी है। एक सप्ताह में राजधानी में मशीन की मदद से केवल दो हजार वर्गफीट क्षेत्रफल के गड्‌ढे ही भरे जा सके हैं। मशीन एक दिन में औसतन 285 वर्गफीट सड़क के 15 गड्‌ढों की ही मरम्मत कर रही है।

सात दिन के अंदर मांगी रिपोर्ट –

नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक ने कलेक्टरों को खराब सड़कों की रिपोर्ट को सात दिन के भीतर भेजने के लिए कहा है। संचालक ने कलेक्टर को लिखा है कि अत्यधिक बारिश के कारण नगरीय निकायों में बनी सड़कों की स्थिति बहुत खराब है। इसके कारण आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

इससे लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। जनता में नाराजगी बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में आवागमन को सुचारू बनाने के लिए क्षतिग्रस्त सड़कों काे ठीक कराना जरूरी है। इसके लिए नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में निकायों और पीडब्लूडी के इंजीनियर की संयुक्त दल का गठन किया गया है। इनके द्वारा सर्वे की गई सड़क की प्रमाणित सूची इस्टीमेट के साथ सात दिन के भीतर भेजें।

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