दुर्ग / रेवेन्यू आफिसर की समीक्षा बैठक में इस बार आरआई और पटवारियों को भी शामिल किया गया। कलेक्टर ने रेवेन्यू मीटिंग में माइक्रो लेवल पर समीक्षा की। उन्होंने इस बार तहसील स्तर पर नहीं अपितु हल्का स्तर की भी समीक्षा की। अविवादित नामांतरण के मामलों में प्रतिवेदन दस दिन में प्रस्तुत करने होते हैं।
अधिकांश पटवारी हल्कों में यह कर लिया गया था। कुछ जगहों पर यह नहीं हुआ था। कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि आपरेटर नहीं थे, टेक्नो फ्रैंडली नहीं हैं। कलेक्टर ने एसडीएम को कहा कि ऐसी व्यवस्था बनायें कि चीजें किसी भी वजह से रूके नहीं। कलेक्टर ने पटवारी और आरआई से जमीनी स्तर पर समस्याएं भी पूछीं।
इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, संयुक्त कलेक्टर प्रवीण वर्मा, एसडीएम मुकेश रावटे, विपुल गुप्ता, बृजेश क्षत्रिय भी उपस्थित रहे। विलंब का कारण क्रम से बताना था, स्टेप बाई स्टेप नहीं लिखा- कलेक्टर ने पिछली समीक्षा बैठक में निर्देश दिये थे कि कोई भी प्रकरण समय सीमा से अधिक समय तक निराकृत नहीं होता तो इसके कारणों का जिक्र करना होगा।
मसलन किस स्तर पर कितना समय लगा जैसे इश्तहार जारी करने में, पटवारी रिपोर्ट आने में, नोटिस देने में। कुछ तहसीलों में इसके लिए बारीक एक्सरसाइज नहीं की गई थी इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की और ऐसे तहसीलदारों को शो काज नोटिस जारी करने निर्देश दिये।
एनआईसी से संबंधित विषयों की समीक्षा कर कराएंगे निदान- बैठक में पटवारियों ने बताया कि एनआईसी के साथ कुछ विषय हैं जिसकी वजह से दिक्कत आती है। जब साफ्टवेयर अपडेट होता है तो जमीनी स्तर पर कुछ समस्याएं आती हैं। कलेक्टर ने कहा कि ऐसी सभी समस्याएं एसडीएम को बता दें।
एनआईसी के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर इन्हें ठीक कर लिया जाएगा। स्पष्ट अभिमत के साथ प्रस्तुत करें- बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जो भी प्रतिवेदन पटवारियों की ओर से आये। इसमें स्पष्ट अभिमत हो। समयसीमा पर सारे प्रकरण निराकृत हो जाएं। कई हल्कों में अच्छा काम हो रहा है लेकिन कहीं कहीं से शिकायतें भी आ रही हैं।
जमीनी स्तर पर संसाधनों की जो समस्या है। उन्हें हल कर लिया जाएगा। इसके लिए सभी एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गई है।
आवेदकों को आश्वस्त करें और समय पर उनका काम पूरा कर दिखाएं, इससे प्रशासन पर भरोसा बढ़ता जाएगा- कलेक्टर ने कहा कि रेवेन्यू मामलों में जो आवेदक आपके पास आएं।
उन्हें आश्वस्त करें कि समय सीमा पर आपका आवेदन निराकृत हो जाएगा। फिर तेजी से कार्रवाई आरंभ कर दें। बेहतर व्यवहार और तेज कार्यप्रणाली से प्रशासन पर उनका भरोसा बढ़ता है। आपके पास पेंडिंग आवेदन भी घट जाएंगे।
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