अंबिकापुर / छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां 9 दिन के नवजात बच्चे को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया गया। SNCU में भर्ती बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
वहीं इसके बाद भी ब्लड ग्रुप जांच करने वाले कर्मचारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं। बलरामपुर निवासी अभिषेक नाम का युवक अपने 9 दिन के बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे मेडिकल अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया। बच्चे के शरीर में ब्लड की कमी थी।
जिसके लिए ब्लड कलेक्शन सैंपल डिपार्टमेंट ने ब्लड लेकर उसकी रिपोर्ट ब्लड बैंक को भेजी गई । जहां बच्चे का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव बताया गया और ओ ग्रुप के डोनर से ब्लड लेकर बच्चे को चढ़ा दिया गया।
बी पॉजिटिव को चढ़ा दिया O+ ग्रुप का ब्लड –
बच्चे की दोबारा ब्लड ग्रुप की जांच की गई तो बच्चे का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव निकला। परिजनों को इस पर संदेह होने पर जब बाहर लैब से टेस्ट कराया गया तो वहां भी बच्चे का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव निकला।
जबकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बच्चे को ओ पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया। इस मामले के सामने आने के बाद अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।
ब्लड बैंक से मांगी गई रिपोर्ट, जांच के लिए टीम गठित –
हॉस्पिटल अधीक्षक खुद यह भी मान रहे हैं कि इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ब्लड कलेक्शन टीम के साथ-साथ ब्लड बैंक से रिपोर्ट इसकी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही साथ इस पूरे मामले की जांच के लिए जांच टीम भी बना दी गई है। फिलहाल बच्चे का इलाज एसएनसीयू में जारी है और उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
डॉक्टर लखन सिंह यह जरूर कह रहे हैं कि बच्चे को जो ग्रुप चढ़ाया गया है वह यूनिवर्सल डोनर ग्रुप है ऐसे में ब्लड चढ़ाने के कारण बच्चे को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए,
लेकिन वह यह बात भी मान रहे हैं कि इस तरह की लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की ओर से नहीं की जानी चाहिए। लेकिन दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी इसे लेकर हॉस्पिटल अधीक्षक गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं।
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