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​​​​​​​रोजगार, जागरूकता और शासन की योजनाओं में होगी युवाओं की भूमिका…

रायपुर / छत्तीसगढ़ योजना भवन में राजीव युवा मिलान क्लब की प्रदेश स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रदेशभर के सभी जिलों से समन्वयकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा के मार्गदर्शन में आहूत इस बैठक में मितान क्लब के पदेन शासी सदस्य एवं संभाग प्रभारी देवेन्द्र यादव,

विधायक मिलाई नगर एवं विनय भगत, विधायक जशपुर के साथ ही संसदीय सचिव सुश्री शकुन्तला साहू, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, विधायक राम कुमार यादव एवं अविनाश चौबे जी उपस्थित हुए। बैठक के दौरान मितान क्लब योजना की समीक्षा एवं जिलों में क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

सुकमा, नारायणपुर एवं दंतेवाड़ा से पहुंचे समन्वयकों ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर मितान क्लब गठन प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। कोरबा, कांकेर, महासमुंद, बालोद समन्वयकों ने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि मितान क्लबों को लेकर युवाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे युवाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा,

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ करते हुए समन्वयकों ने कहा कि ग्रामीण जनजीवन एवं परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगा है। यह मुख्यमंत्री की सोच का परिणाम है कि ग्रामीण अंचल में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। लोगों की आमदनी बढ़ी है, जिसके चलते बाजारों में रौनक और रोजगार व्यवसाय के स्थिति बेहतर हुई है।

नरवा, गरुआ, घुरवा, बारी ने बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर अब मितान क्लब की बारी है-सलाहकार प्रदीप शर्मा

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि चर्चा परिचर्चा और सहभागिता से बड़े और बेहतर रास्ते निकलते हैं। उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, धुरवा बारी प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ मॉडल चर्चा का विषय है। आज विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि हमारी योजना का अवलोकन करने आते हैं।

किसी को इस बात का अनुमान नहीं था की गोवर से आय भी हो सकती है. आज गोवर बेचने से लेकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने और गौठान के संचालन तक में हमारी महिलाएं आगे हैं। मितान क्लब भी ऐसी ही एक योजना है. छत्तीसगढ़ में मितान बधने की परम्परा रही है।

जिस परम्परा को आगे ले जाने हेतु ऐसी योजनाओं को जमीन पर लाया जा रहा है। मोबाइल और इन्टरनेट के युग में लोगों को आपस में जोड़ने और सामूहिक गतिविधियों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक हो चुका है। परस्पर संवाद बनाये रखने, ग्रामीण आयोजनों में युव%

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