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जान से मार देंगे, जिंदा जलाने से पहले शाहरुख ने अंकिता को दी थी धमकी…

शाहरुख द्वारा पेट्रोल छिड़क कर जला दी गई अंकिता की मौत की खबर से दुमका में लोगों के बीच गुस्सा भड़क गया। पांच दिनों तक जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते हुए अंकिता ने शनिवार को देर रात करीब 2 बजे रिम्स में दम तोड़ दिया। सुबह होते ही यह खबर आग की तरह शहर में फैल गई।

रविवार को दुमका उबल पड़ा। इस बीच कड़ी सुरक्षा इंतजामों के बीच सोमवार सुबह अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा में हजारों लोग उमड़े और गम और गुस्से के बीच उसे अंतिम विदाई दी गई। शव यात्रा में दुमका के सांसद सुनील सोरेन भी शामिल हुए।

अंकिता हत्याकांड को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार को घेरा है तो वहीं पुलिस अफसर नूर मुस्तफा पर पक्षपात के आरोप को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, ”हम दुमका की बेटी को नहीं बचा पाए।

मुख्यमंत्री जी और कुनबा  पार्टी करते रहे। अब धारा 144 और आमलोगों को जेल भेजने व प्रताड़ित करने का खेल चल रहा है। जो राज्य की सरकार महिला के इज्जत और सम्मान पर गंभीर ना हो पाई उस सरकार को जनता अब कभी गंभीरता से नहीं लेगी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी और नूर मुस्तफा के बर्खास्तगी तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।”

बंद रहा दुमका, हर तरफ आक्रोश –

23 अगस्त को पेट्रोल से जला दिए जाने की घटना के दिन से ही लोग आक्रोशित थे। अब मौत की खबर सुनते ही लोगों का जमावड़ा अंकिता के जरुवाडीह स्थित आवास पर लग गया। मुहल्ले के लोगों के साथ ही जिला भाजपा महिला मोर्चा,बजरंग दल,विश्व हिन्दू परिषद और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं का का जुटान हो गया।

दुमका बंद करने की घोषणा हुई। करीब 11 बजे से आक्रोशित लोग पुलिस प्रशासन के विरोध में और अंकिता के हत्या के आरोपी शाहरुख को फांसी दिलाने की मांग को लेकर शहर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। अंकिता के मुहल्ले जरुवाडीह से लेकर दुधानी टावर चौक तक दिन पर लोग पुलिस के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी करते रहे।

आरोपी शाहरुख के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है। प्रदर्शनकारियों को आम लोगों का भारी समर्थन था। दुमका बंद के दौरान दुकानें स्वत बंद हो रही थी। इक्का-दुक्का जो दुकानें खुली थी,उसे भी प्रदर्शनकारियों ने बंद करा दिया।शाहरुख को फांसी देने और दुमका में विधि व्यवस्था को ठीक करने की मांग को लेकर शहर में निकाले गए,

जुलूस और प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रुप से भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष नीतू झा,विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष मिथिलेश कुमार और भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री अमन कुमार कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चला कर अंकिता के हत्यारोपी शाहरुख को फांसी की सजा 8दिलाई जाए।

पुलिस की बढ़ी चिंता –

जरुवाडीह में सुरक्षा बढ़ी, शहर में फ्लैग मार्च अंकिता की मौत के बाद जनाक्रोश को देखते हुए पुलिस और प्रशासन सतर्क थी। सुबह ही नगर थाना प्रभारी नितीश कुमार दलबल के साथ अंकिता के घर पर पहुंच गए थे। जरुवाडीह में पुलिस बलों भारी संख्या में तैनाती की दी गई।

प्रशासन की ओर से शहर में फ्लैग मार्च निकाली गई जिसका नेतृत्व सिविल एसडीओ महेश्वर महतो एवं डीएसपी विजय कुमार कर रहे थे। मौके पर दंडाधिकारी के रुप में बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा,सीओ यामुन रवि दास के साथ ही नगर थाना प्रभारी नितीश कुमार,सदर इंस्पेक्टर देवव्रत पोद्दार सहित काफी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व जवान शामिल थे।

धारा 144 लागू –

जुलूस और रैली के आयोजन पर लगी रोक अनुमंडल दंडाधिकारी महेश्वर महतो ने अगले आदेश तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत दुमका में निषेधाज्ञा लागू कर दिया है। इसके तहत 5 या उससे अधिक व्यक्तियों का जमावड़ा पूर्णत निषेद्य रहेगा। बिना किसी पूर्वानुमति के किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन,

सार्वजनिक रूप से एकत्रित होकर धार्मिक सभा,सामूहिक भोज, जुलूस और रैली के आयोजन आदि पूर्णत प्रतिबंधित होगा। इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं और भारतीय दंड संहिता1860 के सेक्शन188 के तहत दंडनीय होंगे।आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

रात 9.15 बजे दुमका पहुंचा शव,माहौल गमगीन –

पेट्रोल से जला कर मार दी गई अंकिता कुमारी का शव रविवार की रात करीब 9.15 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच उसके जरुवाडीह स्भित घर लाया गया। शव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। घर में अंकिता के दादा-दादी शव का इंतजार कर रहे थे। पिता,बहन और बहनोई पहले से रांची में थे जो शव को लेकर यहां पहुंचे।

इसके साथ ही अच्छी संख्या में जरुवाडीह मुहल्ले के लोग और शहर के समाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और एसपी अम्बर लकड़ा भी घर पर पहुंच कर सुरक्षा इंतजामों और विधि व्यवस्था का जायजा लिया।

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात –

अंकिता की मौत के बाद रविवार को दुमका शहर में लोगों के बीच आक्रोश और तनाव को देखते हुए शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अंकिता और शाहरुख के मुहल्ले जरुवाडीह में भारी संख्या में सशस्त्रत्त् बल तैनात किया गया है।

डंगालपाड़ा सहित पुराना दुमका पंचायत के इलाके के साथ ही दुमका शहर और शहर से सटे आसपास के इलाके में जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। दुमका शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर भी पुलिस बल तैनात है। पुलिस गश्ती भी तेज कर दी गई है।

एसडीपीओ नूर मुस्तफा के खिलाफ लगे नारे –

आक्रोशित लोगों का दुमका पुलिस के प्रति काफी गुस्सा था। दुधानी टावर चौक प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के विरोध में भी नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। आरोप है कि एसडीपीओ ने केस दर्ज करते समय अंकिता को बालिग बताया जबकि वह नाबालिग थी। आक्रोशित लोगों ने एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी को सस्पेंड करने और अंकिता हत्याकांड के आरोपी शाहरुख को फांसी देने की मांग कर रहे थे।

अंकिता को न्याय के लिए समाज को जगाती रहूंगी: नीतू झा –

भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष नीतू झा ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा यह विरोध प्रदर्शन पार्टी लाइन से उपर उठ कर कर रहे हैं। एक मां और एक बहन होने के नाते अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हमलोग सड़क पर हैं। अगर एक सप्ताह के अंदर मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो हमलोग फिर सड़क पर उतरेंगे। नीतू झा ने कहा जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिल जता है तब तक वे एक बहन के रुप में पूरे समाज को जगाती रहेंगी।

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