छत्तीसगढ़दुर्ग

नेशनल लोक अदालत में कुल 11582 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें समझौता राशि 104516153/रूपये रहा…

दुर्ग / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवम् संजय कुमार जायसवाल जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है ।

दुर्ग जिले में जिला न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-तीन एवम् व्यवहार न्यायालय पाटन तथा किशोर न्याय बोर्ड , श्रम न्यायालय, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ संजय कुमार जायसवाल जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा मॉ सरस्वती के चैलचित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवल कर प्रातः 10.30 को किया गया।

शुभारंभ कार्यक्रम में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह चावला , अधिवक्ता संघ दुर्ग के पदाधिकारी , न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित रहें।

नेशनल लोक अदालत हेतु कुल 34 खण्डपीठ का गठन किया गया है । परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ , जिला न्यायालय हेतु 25, तहसील न्यायालय पाटन हेतु 01 खण्डपीठ , तहसील न्यायालय भिलाई-3 हेतु 02 खण्डपीठ , किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 , श्रम न्यायालय हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा दुर्ग हेतु 01 खण्डपीठ का गठन किया गया है ।

नेशनल लोक अदालत में कुल-.3445 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 8137 प्रीलिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए । जिसमें कुल समझौता राशि 10,45,16,153/रूपये रहा ।

निराकृत हुए प्रकरण में 632 दांडिक प्रकरण , 13 विद्युत के प्रकरण , क्लेम के 94 प्रकरण , 125 पारिवारिक मामले, 230 चेक अनादरण मामले, 55 व्यवहार वाद , 50 श्रम प्रकरण , 154 स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी के मामले निराकृत हुए। इसके अतिरिक्त 2092 अन्य प्रकरण लोक अदालत में निराकृत हुए। 8137 प्री-लिटिगेशन के प्रकरण लोक अदालत में निराकृत हुए है।

इस नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण रहे:-

लोक अदालत में विदेश में प्रवास कर रहे प्रार्थियों से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राजीनामा कर प्रकरण समाप्त हुआ –
खंडपीठ क्रमांक- 16 में पीठासीन अधिकारी सत्यानंद प्रसाद के समक्ष वर्ष 2018 का लंबित दांडिक प्रकरण राजीनामा हेतु सुनवाई किया गया ।

दांडिक प्रकरण में 03 पक्षकार प्रार्थी थे जो एक ही परिवार के सदस्य थे। उनमें से माता-पिता न्यायालय में राजीनामा हेतु उपस्थित हुए तथा एक प्रार्थी दुबई में निवासरत् था जिसकी पहचान उसके माता-पिता के द्वारा की गई।

तथा विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जोडा जाकर उसके पुत्र से राजीनामा के संबंध में पूछताछ किया गया तथा उसक द्वारा बिना किसी डर-दबाव के आरोपीगण से राजीनामा किया जाना व्यक्त किया गया है।

उनका विवाद डीजे बजाने से मना करने से हुए मारपीट , गाली गलौच से संबंधित था। प्रार्थीगण एवं आरोपीगणों के द्वारा आपसी सहमति से अपने विवाद को समाप्त किया ।

एक अन्य मामला पीठासीन अधिकारी कु0 अंकिता तिग्गा के खंडपीठ क्रमांक- 24 के समक्ष प्रस्तुत हुआ । वर्ष 2018 के न्यायालयीन प्रकरण मेें आरोपीगण के विरूद्व धारा- 294,506बी, 325/34 भा.दं.वि. का अपराध पंजीबद्व किया गया था। जिसमें से एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी थी तथा प्रार्थी की भी मृत्यु हो गई थी।

मृत प्रार्थी के विधिक वारिसान उनकी पुत्री जो वर्तमान में ’’स्काटलैड’’ में निवासरत थी उनसे विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जोडा जाकर राजीनामा के संबंध में पूछताछ किया गया तद्पश्चात राजीनामा के आधार पर प्रकरण को समाप्त किया गया।

खंडपीठ क्रमांक- 14 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती सरोजनी जर्नादन खरे के समक्ष थाना-सुपेला में आरोपी के विरूद्व दर्ज धारा- 294,506बी,427 भा.दं.वि. का प्रकरण प्रस्तुत हुआ । पीठासीन अधिकारी के द्वारा प्रकरण में राजीनामा किये जाने हेतु प्रयास किया गया।

प्रार्थी जम्मू कश्मीर में था जिससे विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्मय से संपर्क साधा गया । आरोपी एवं प्रार्थी के मध्य राजीनामा हेतु सहमति दिये जाने पर प्रकरण लोक अदालत में आपसी राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया।

2 दिव्यांग एवं वृद्वजन के प्रकरण लोक अदालत में हुए निराकृत :-

खंडपीठ क्रमांक- 04 के पीठासीन अधिकारी विवेक कुमार वर्मा के समक्ष व्यवहार अपील जो वर्ष 2020 से न्यायालय में लंबित थी संबंधित प्रकरण में 05 अपीलार्थी एवं 02 उत्तरवादी थे जिसमें से अपीलार्थी क्रमांक-03 दिव्यांग थी।

सभी पक्षकारों के द्वारा खंडपीठ के समक्ष राजीनामा के आधार पर संपत्ति के संबंध में प्रस्तुत न्यायालयीन प्रकरण को समाप्त किये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया ।

पक्षकारों के मध्य संपत्ति के संबंध में उत्पन्न सिविल अपील प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया। दिव्यांग को खंडपीठ न्यायालय तक पहॅूचाये जाने में पैरालीगल वॉलिटियर विनय घनशाला एवं डूलेश्वर मटियारा के द्वारा मदद पहॅूचाया जाकर विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई।

78 वर्षीय वृद्व एवं दिव्यांग महिला के द्वारा अपने बडे पुत्र के विरूद्व घोषणा का वाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसकी सुनवाई पीठासीन अधिकारी विवेक नेताम खंडपीठ क्रमांक-20 में की गई। वादी पक्ष में मां एवं छोटा पुत्र था तथा प्रतिवादी के रूप में बडा पुत्र था।

विवादित संपत्ति को माता-पिता के द्वारा अपने बडे पुत्र के नाम से क्रय किया था उस समय छोटा पुत्र पैदा नही हुआ था। विवादित संपत्ति बडे पुत्र के नाम से दर्ज थी जिसके लिए मॉ के द्वारा न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था।

नेशनल लोक अदालत में परिवार के सभी लोगों के द्वारा विवादित संपत्ति पर राजीनामा किया एवम् परिवार टुटने से बच गया। नेशनल लोक अदालत में जनमानस में काफी उत्सूकता देखी गई।

हर घर तिरंगा अभियान के तहत् जिला न्यायालय परिसर में लोगों को जागरूक किये जाने के संबंध में आजादी की 75 वीं वर्ष पूरे होने के अवसर कर ’’सेल्फी जोन ’’ निर्मित किया गया । सेल्फी जोन का बहुत से लोगों ने उपयोग किया।

आगामी नेशनल लोक अदालत 12 नवम्बर 2022 को आयोजित की जा रही है।

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