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राज्यसभा चुनावः कैसे एक वोट से बिगड़ा गणित और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा ने तोड़ दिया अजय माकन का सपना

नई दिल्ली. कांग्रेस को हरियाणा में तगड़ा झटका लगा है. उसके वरिष्ठ नेता अजय माकन राज्यसभा का चुनाव हार गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने पहले जीत का ऐलान कर दिया था,

लेकिन देर रात तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे की वजह से समीकरण ऐसे बिगड़े कि निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा राज्यसभा पहुंच गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जजपा) का समर्थन था.

एक वोट रद्द होने गुणा-गणित बदलने से अजय माकन का राज्यसभा पहुंचने का सपना टूट गया. आइए बताते हैं कि दिन में मतदान शुरू होने से लेकर देर रात वोटिंग तक की उठापटक में आखिर ऐसा क्या हुआ कि पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन को हार का सामना करना पड़ा.

हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए शुक्रवार सुबह 9 बजे मतदान शुरू हुआ था. एक सीट पर बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार को जीत मिली है. दूसरी सीट के लिए अजय माकन और कार्तिकेय शर्मा के बीच सियासी घमासान हुआ.

मतदान के बाद शुक्रवार शाम 5 बजे मतगणना शुरू होनी थी. लेकिन जजपा के पोलिंग एजेंट ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी कि कांग्रेस के दो विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा ने अपना मार्क्ड बैलट पेपर उन्हें दिखाया,

जो नियमानुसार गलत है और उनके वोट रद्द किए जाने चाहिए. निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के चुनाव एजेंट ने भी ऐसा ही आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को एफिडेविट भेजा.

बीजेपी, जेजेपी और निर्दलीय उम्‍मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने वोटिंग की जिम्‍मेदारी संभाल रहे रिटर्निंग ऑफ‍िसर आरके नांदल पर भी पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया.

जजपा के पोलिंग एजेंट दिग्विजय चौटाला ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा ने अपना भरा हुआ

और चिह्नित मतपत्र उन्‍हें और अन्य पोलिंग एजेंट को दिखाया था. ये लोग उस पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि नहीं थे. इसे लेकर मैंने और दूसरे हितधारकों ने रिटर्निंग अधिकारी आर.के नांदल के समक्ष आपत्तियां दर्ज कराईं,

लेकिन उन्होंने परिसर में लगे आधिकारिक कैमरों में रिकॉर्ड वीडियो को देखे बिना पक्षपातपूर्ण तरीके से हमारी आपत्तियों को खारिज कर दिया. शिकायत के आधार पर चुनाव आयोग ने

रिटर्निंग अधिकारी से मतदान की वीडियो रिकॉर्डिंग मंगवाई. उसकी जांच की गई. जांच के बाद आयोग ने दोनों मतों को वैध करार देते हुए रात करीब एक बजे मतगणना की अनुमति दी.

8 घंटे की देरी से वोटों की गिनती शुरू हुई. कुल 90 विधायकों में एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने मतदान नहीं किया. एक वोट रद्द हो गया. इस तरह कुल वैध मत 88 बचे.

रिटर्निंग अफसर आरके नांदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले थे. कांग्रेस को जीतने के लिए 30 वोट चाहिए थे. कांग्रेस का एक वोट रद्द होने से उसके वोट 29 रह गए. वहीं कार्तिकेय को 29.6 वोट मिले.

कार्तिकेय को पहली प्राथमिकता के 23 वोट मिले थे और पंवार के 6.65 वोट उन्हें ट्रांसफर हुए, इससे उनके कुल वोटों की संख्या 29.6 हो गई और वो जीत गए.

लेकिन अंतिम नतीजों से पहले ही कांग्रेस ने ट्विटर के जरिए अजय माकन को जीता हुआ घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में वो ट्वीट डिलीट कर दिया गया.

कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने सफाई देते हुए कहा कि वह एक मिसकम्यूनिकोशन था, क्योंकि पहले जानकारी मिली थी कि अजय माकन को 30 वोट मिले हैं, हालांकि एक वोट रद्द कर दिया गया था.

अब सवाल ये है कि किसका वोट रद्द हुआ, जिसकी वजह से अजय माकन को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के पोलिंग एजेंट बीबी बत्रा ने आरोप लगाया कि कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी के प्रत्याशी को वोट नहीं डाला.

इस वजह से माकन को हार का सामना करना पड़ा. अगर वह कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देते तो हम जरूर जीतते. उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंवार और कार्तिकेय शर्मा की जीत को लोकतंत्र की जीत बताते हुए विधायकों का धन्यवाद किया.

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