छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री और जनता के बीच संवेदनात्मक जुड़ाव की कड़ी

रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंट-मुलाकात आज पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। इस अभियान में एक ओर जहां मुख्यमंत्री स्वयं गांव-गांव पहुंचकर सरकार द्वारा जनहित में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की हकीकत जान रहे हैं ।

तो दूसरी ओर आम जनता से उन्हीं के क्षेत्र में रूबरू होकर उनकी समस्याएं सुनने से लेकर समस्याओं का त्वरित निराकरण करने तक भेंट-मुलाकात एक सफल प्रयास साबित हो रहा है।

यही कारण है कि जनता उत्सुकता से अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री का इंतजार कर रही है। भेंट-मुलाकात में मुख्यमंत्री की सभा में खुलकर अपनी बात रख रही है।

मुख्यमंत्री अब तक 10 जिलों में 19 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं, जिनमें बस्तर के 12 और सरगुजा के 7 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। भेंट-मुलाकात अब एक अभियान से बढ़कर मुख्यमंत्री और जनता के बीच

संवेदनात्मक जुड़ाव और उम्मीदों के साकार होने की कड़ी बन गई है, जो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव और प्रदेश के विकास की जरूरत को महसूस करते हुए उसके अनुकूल विकास कार्यों को दिशा देने की सार्थक पहल बन गया है।

सरगुजा और बस्तर दोनों संभाग की विधानसभा में ज्यादातर क्षेत्र ग्रामीण और सुदूर वनांचल के हैं, जहां पर शासकीय योजनाओं के समीकरण की सच्ची परीक्षा होती है।

इन जगहों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब भेंट-मुलाकात के लिए पहुंचे तो सरकार की योजनाओं के आम जनजीवन में सीधे प्रभाव को समझा, परखा और उसके दूसरे पक्ष को भी सुना।

इस अभियान से कई जिंदगियां बदली, कई लोगों के सादे जीवन में अब खुशहाली के रंग भर गए हैं। सरगुजा संभाग के ग्राम दुर्गापुर के 58 साल के

दुलारे राम पैकरा को मुख्यमंत्री  बघेल ने मोटराइज्ड ट्राइसिकल प्रदान कर उन्हें चलने-फिरने और आने-जाने में होने वाली तकलीफों से निजात दिला दी।

इसी तरह से आरागाही में दृष्टिहीन बच्चों की मां श्रीमती अनति देवी की मांग पर समुचित इलाज का बीड़ा उठाया। सूरजपुर जिले के खोरमा निवासी सोमारू के इलाज के लिए तत्काल एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के तम्बेश्वरनगर में श्रीमती रीना विश्वास के बेटे के ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने मौके पर ही स्वेच्छानुदान मद से 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता घोषित कर दी।

बस्तर विधानसभा में आयोजित भेंट-मुलाकात में भी कई ऐसे मामले आए जिसमें मुख्यमंत्री के निर्णय ने खूब सराहना बंटोरी, इन तरह भेंट-मुलाकात ने अब कईयों की ज़िंदगी में सुख का नया सवेरा ला दिया है।

कहीं भावुक तो कहीं संवेदनशील हुए मुख्यमंत्री

भेंट-मुलाकात में ऐसे कई मौके आए जब जरूरतमंदों की सहायता में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय ने लोगों का दिल जीत लिया। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता ने भेंट-मुलाकात अभियान

को जनजुड़ाव का आधार प्रदान किया। ऐसे ही भावुक क्षण बलरामपुर जिले के ग्राम कुसमी में देखने को मिला जहां  कांकेर क्षेत्र के झमित ने तीन साल पहले हुई बीमारी के चलते आवाज़ खो दी,

दुरूह परिस्थितियों के बाद भी अपनी हिम्मत से वह 12वीं में वह फर्स्ट डिवीजन आया, कोदागांव भेंट-मुलाकात में जब मुख्यमंत्री को झमित की परेशानी चला

तो उन्होंने झमित को तत्काल 2 लाख रुपये देने की घोषणा करते हुए मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनाने के निर्देश दिए यह कहते हुए कि “पैसे की वजह से पढ़ाई नहीं रुकेगी।”

इसी तरह आरागाही में सीमांकन की मांग करते हुए रो पड़ी चन्द्रकान्ता को मुख्यमंत्री ने अपने पास बुलाकर बैठाया, उसे अभिभावक की तरह समझाते हुए चुप कराया और

कलेक्टर को एक सप्ताह के भीतर सीमांकन कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दुर्गुकोंदल में बचपन से दिव्यांग बहनें प्रियंका दुग्गा व प्रीति दुग्गा के इलाज के लिए

हर सम्भव कदम उठाने व बेहतर से बेहतर इलाज कराने के निर्देश दिए। ऐसे ही अनेक मामले ऐसे आए जहां पर मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों ने लोगों को बड़ी राहत दी है।

बच्चों से मिले बच्चों की तरह

भेंट-मुलाकात अभियान में मुख्यमंत्री की सरलता और बच्चों के प्रति उनके प्रेम ने सभी को आकर्षित किया। अपने दौरे में वे जहां भी गए, बच्चों से मिले और उनके साथ समय बिताया।

उन्होंने रघुनाथनगर के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में बच्चों के साथ गिल्ली-डंडा का आनंद उठाया। विद्यार्थियों और युवाओं को पारंपरिक खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया।

गोविंदपुर की आंगनबाड़ी में बच्चों से मिलकर बड़े ही आत्मीय भाव से सभी बच्चों को टॉफियां बांटी। ग्राम बरियो में साक्षी बेग नाम की बच्ची सुबह से ही मुख्यमंत्री के साथ फ़ोटो खिंचाने के लिए बैठी हुई थी,

जिसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री साक्षी के पास पहुंचे, उसे दुलारा और फ़ोटो भी खिंचवाई। कांकेर विधानसभा के बादल ग्राम के आंगनबाड़ी केंद्र में जब उन्होने एक बच्ची को गोंद में उठाया

तो उनसे मुख्यमंत्री का कालर पकड़ लिया, जिसपर मुख्यमंत्री ने ठहाके लगाते हुए हुए कहा कि “इसने तो सीधा मुख्यमंत्री का ही कॉलर पकड़ लिया।”

मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान अलग-अलग गांवों में बच्चों के साथ गिल्ली-दंडा, भौरा, चाइनीज शतरंज जैसे गेम खेले। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों का भी महत्व बताया।

घर का खाना खाया, उपहार भी भेंट किए

भेंट-मुलाकात अभियान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जनता का आत्मीय जुड़ाव देखते ही बना। मुख्यमंत्री दौरे के बीच स्थानीय ग्रामीणों के घर में बना खाना खाया।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय व्यजनों का स्वाद चखा और क्षेत्रीय प्रगति की सम्भावनाओं पर कई अहम निर्णय लिए जिससे अब क्षेत्र में विकास और निर्णय के नवीन कार्य हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री हर जगह पारंपरिक भोजन का स्वाद लेते गए और परिवार के सदस्यों को उपहार भेंट किए। बिहारपुर में ग्रामीण भोपाल सिंह के घर उनके साथ पालथी मार पंगत में बैठकर पेहटा,

तिलौरी, रोटी, चावल, दाल,भिंडी की भुजिया, करेला भुजिया, लकड़ा की चटनी का स्वाद लेते हुए भोजन किया। भेंट- अभियान के दौरान मुख्यमंत्री जहां भी गए उन्होंने क्षेत्रीय व्यंजन का स्वाद लिया।

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